Alakh Haryana केंद्र सरकार द्वारा भारतीय दंड संहिता में किए गए बदलाव के तहत लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए हरियाणा सरकार और अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। इसी क्रम में हरियाणा की गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने अभियोजन विभाग, पुलिस विभाग और जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की।
नए कानूनों पर विस्तार से चर्चा
बैठक के दौरान सुमिता मिश्रा ने तीनों नए आपराधिक कानूनों के मौजूदा कार्यान्वयन और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2025 तक इन कानूनों को पूरी तरह लागू किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन कानूनों के हरियाणा में प्रभावी कार्यान्वयन से प्रदेशवासियों का न्याय प्रणाली में विश्वास और मजबूत होगा।
हरियाणा को बनाया जाएगा मॉडल राज्य
गृह सचिव ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा को इन कानूनों के कार्यान्वयन के लिए एक मॉडल राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य दिया है। उन्होंने बैठक में “ई-साक्ष्य ऐप” के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया। यह ऐप नए कानूनों के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायक होगी।
बैठक में केस डायरी मॉड्यूल, चांस रिकवरी, प्लेंड रिकवरी की वीडियोग्राफी, और प्रशिक्षण के महत्व पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के तहत न्याय प्रणाली को मजबूत बनाया जाएगा और लोगों को त्वरित न्याय दिलाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
नए कानूनों का उद्देश्य
गृह सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाए गए ये नए कानून भारतीयों द्वारा, भारत की संसद में, और भारतीयों को न्याय व सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। इन कानूनों का उद्देश्य औपनिवेशिक युग के पुराने कानूनों को हटाकर एक आधुनिक और कुशल न्यायिक प्रणाली की स्थापना करना है।
न्याय प्रणाली को बनाएगा अधिक पारदर्शी
तीनों नए कानूनों का उद्देश्य कानूनी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, कुशल और वर्तमान समाज की आवश्यकताओं के अनुकूल बनाना है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने हरियाणा सरकार को मार्च 2025 तक इन कानूनों को पूरी तरह लागू करने के निर्देश दिए हैं।
हरियाणा सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी संसाधन जुटाने की बात कही है और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध करवाने का भरोसा दिया है।
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