हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नई शिक्षा नीति (NEP) की समीक्षा के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने और इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप ढालने पर विस्तार से चर्चा की गई।
सीएम के मुख्य निर्देश
- शिक्षकों की कमी दूर होगी:
सीएम सैनी ने कहा कि आगामी शैक्षणिक सत्र से हरियाणा के किसी भी स्कूल में शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी। इसके लिए शिक्षकों और छात्रों के अनुपात को बेहतर बनाने के लिए नई कार्ययोजना तैयार की जा रही है। - स्मार्ट क्लास रूम और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी:
सीएम ने घोषणा की कि प्रदेश के कॉलेजों में स्मार्ट क्लास रूम विकसित किए जाएंगे। इन क्लास रूम के माध्यम से छात्रों को IAS और HCS जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग भी उपलब्ध कराई जाएगी। - मूलभूत सुविधाओं पर जोर:
मुख्यमंत्री ने स्कूलों और कॉलेजों में पेयजल, शौचालय और साफ-सफाई जैसी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला
सीएम सैनी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत सरकारी स्कूलों में 8वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए गीता का पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा। उनका मानना है कि यह कदम बच्चों को नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने में मदद करेगा।
सरकारी स्कूलों में शिक्षा का भरोसा:
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाया कि सरकारी स्कूलों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार लाकर लोगों का विश्वास जीता जाए ताकि अधिक से अधिक लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में दाखिला दिलवाएं।
अंतिम लक्ष्य:
हरियाणा सरकार का उद्देश्य है कि नई शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक लागू कर राज्य की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और समृद्ध बनाया जाए। इसके साथ ही छात्रों को प्रतियोगी माहौल में बेहतर संसाधन उपलब्ध कराकर भविष्य के लिए तैयार किया जाए।