सतरोल खाप ने किसान आंदोलन का किया समर्थन
सतरोल खाप के प्रतिनिधि सतीश ने कहा कि यह आंदोलन किसी एक किसान का नहीं, बल्कि सभी किसानों का आंदोलन है। उन्होंने बताया कि पिछले आंदोलन के दौरान हरियाणा में तीन धरने हुए थे, जिसमें 102 खापों ने समर्थन दिया था और 11 सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। हरियाणा चुनाव के दौरान इस आंदोलन को स्थगित कर दिया गया था। अब खाप पंचायतें एक बार फिर किसानों के समर्थन में खड़ी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से एमएसपी की गारंटी की मांग की और किसान संगठनों को एकजुट होने का आह्वान किया।
सरकार को चेतावनी
सतीश ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंतित है, तो दस दिन के अंदर किसानों से बातचीत करने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजे। अन्यथा सरकार को इसके परिणाम की जिम्मेदारी उठानी होगी।
रणजोध सिंह को श्रद्धांजलि
दिल्ली कूच से रोकने के बाद आत्महत्या करने वाले किसान रणजोध सिंह का शव गुरुवार को शंभू बॉर्डर पर लाया गया, जहां किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर और अन्य किसानों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सरवण पंधेर ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद का ऐलान किया है और आंदोलन के समर्थन में भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि पंजाब बंद के दौरान इमरजेंसी सेवाओं को छूट दी जाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा ने बनाई दूरी
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) इस आंदोलन से किनारा कर चुका है। पंजाब के लगभग 40 संगठनों वाले SKM ने 20 दिसंबर को चंडीगढ़ में एक आपात बैठक की, जिसमें उन्होंने इस आंदोलन से दूर रहने का निर्णय लिया। हालांकि, SKM ने 23 दिसंबर को पंजाब में बड़ा विरोध प्रदर्शन और 24 दिसंबर को चंडीगढ़ में किसानों की बैठक आयोजित करने का ऐलान किया है।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर ताजे अपडेट
18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 24 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की सेहत की देखभाल की जिम्मेदारी पंजाब सरकार को सौंपी थी। एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने पंजाब सरकार की तरफ से कहा था कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर राज्य सरकार से कहा कि डल्लेवाल की सेहत पर कोई कोताही नहीं बरती जा सकती। इसके अलावा, कोर्ट ने किसानों को यह अनुमति दी कि वे अपने प्रतिनिधि को सीधे सुप्रीम कोर्ट में भेज सकते हैं और अपनी मांगें पेश कर सकते हैं।