चंडीगढ़: केंद्र सरकार और किसानों के बीच सातवें दौर की वार्ता विफल होने के बाद पंजाब पुलिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए बुधवार देर शाम किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक के बाद जब किसान नेता शंभू और खनौरी बॉर्डर लौट रहे थे, तब पुलिस ने कार्रवाई की। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को एंबुलेंस समेत पुलिस हिरासत में ले लिया गया, जबकि सरवण सिंह पंधेर और अन्य नेताओं को मोहाली से गिरफ्तार किया गया।
13 महीने बाद बॉर्डर खाली
पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटा दिया। 13 महीने से जारी धरने को खत्म करने के लिए पुलिस ने जेसीबी मशीनों से किसानों के बनाए गए स्थायी मोर्चों को ध्वस्त कर दिया।
हिरासत में लिए गए प्रमुख किसान नेता
पुलिस ने किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर, काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़, मनजीत राय और ओंकार सिंह को भी हिरासत में लिया है। हिरासत के दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़पें भी हुईं।
पुलिस बल तैनात, इंटरनेट सेवाएं बंद
किसानों की गिरफ्तारी के बाद बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एहतियातन संगरूर, पटियाला और खनौरी में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
पंजाब सरकार का बयान
पंजाब सरकार में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बॉर्डर बंद होने से राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इंडस्ट्री प्रभावित हो रही है, जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है। सरकार का लक्ष्य नशा मुक्त पंजाब बनाना है, जो तभी संभव होगा जब रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को हो रहे नुकसान के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई है।
आंदोलन जारी रखने की किसानों की चेतावनी
हिरासत में लिए जाने और बॉर्डर से हटाए जाने के बावजूद किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि वे अपनी एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन खत्म नहीं हुआ है, बल्कि अब और तेज होगा।