नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल को लेकर पक्ष विपक्ष में जोर दार हंगामा शुरू हो गया है। संसद में बिल पेश होते ही दोनों पक्षों के बीच तकरार होनी शुरू गयी है। कांग्रेस महिला आरक्षण बिल को सोनिया गांधी की पुरानी सोच बता रही है और बीजेपी पर गुमराह करने का आरोप लगा रही है। वहीं बीजेपी महिला आरक्षण बिल को मोदी सरकार की एक और कामयाबी बता रही है। महिला आरक्षण बिल को ऐतिहासिक कदमा बताया है। जाहिर है कि महिला आरक्षण बिल पर पहले भी कई बार अटकलें लगी हैं , लेकिन इस बार बीजेपी इसे लागू कराने की पुरजोर कोशिश में है।
आपको बता दें की संसद के विशेष सत्र में नई संसद के नए लोकसभा सदन में पहले ही दिन केंद्र सरकार ने विधेयक के जरिए महिला आरक्षण बिल पेश किया। मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 दिया है। लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें रिजर्व करने का प्रावधान है। कानून बन जाने के बाद 15 साल तक सीटें रिजर्व रहेंगी। वहीं एक बार फिर महिला आरक्षण बिल पर सरकार और विपक्ष में तीखी तकरार देखने को मिल रही है। पक्ष और विपक्ष में महिला आरक्षण बिल का श्रेय लेने की होड़ मची है। नई तकनीक बनाम पुराने दौर का मुद्दा नए संसद भवन में उस समय जोर-शोर से उठा, जब केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण से जुड़ा बिल पेश करना शुरू किया और विपक्षी दल एजेंडा में नहीं होने और बिल की कॉपी नहीं मिलने का मुद्दा उठाकर हंगामा करने लगे।
जहां एक तरफ बीजेपी पार्टी का कहना है की , ‘एक अच्छी नीयत से सरकार यह बिल लाई है। लोकसभा में विपक्ष पर बड़ा हमला बोलते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ये लोग सोचते हैं संसद में परकटी महिलाएं नहीं आनी चाहिए। कांग्रेस ने सालों तक बिल लटकाए रखा। ये बिल कांग्रेस का नहीं, बीजेपी और पीएम का है। जो गोल करता है श्रेय उसी को मिलता है। प्रधानमंत्री जी महिला का आदर और सम्मान करते हैं , हमारे देश में नारी को हमेशा पूजा जाता है लेकिन कुछ लोग चाहते हैं कि संसद न चलें देश में बाधा डालना चाहते है। 2008 में बिल पास कराने की कांग्रेस की नीयत नहीं थी.’
वहीं दूसरी तरफ संसद में अब सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा की महिला आरक्षण बिल को सबसे पहले कांग्रेस ने ही पारित कराया। उन्होंने कहा की वो इस बिल का समर्थन करती है। महिला आरक्षण बिल पर सोनिया गांधी ने कहा है कि ये राजीव गांधी का सपना था. ये राजीव गांधी का लाया गया बिल था। लोकसभा में विधेयक लाए जाने के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा, ”यह हमारा है, ‘अपना है’ पहले हमने ही यह विधेयक लाया था, जो राज्यसभा में पास हो गया, लेकिन लोकसभा में अटक गया था.”