📰 टोहाना में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत: मंच पर आरोप, मारपीट, और पुलिस हस्तक्षेप
टोहाना (फतेहाबाद), अलख हरियाणा ब्यूरो
हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी सुर्खियों में है। फतेहाबाद जिले के टोहाना में मंगलवार को आयोजित कांग्रेस के संगठन सर्जन अभियान के कार्यक्रम के दौरान मंच पर ही कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त हंगामा और धक्का-मुक्की हो गई। विवाद की जड़ में विधायक परमवीर सिंह और हुड्डा गुट से जुड़े कांग्रेस नेता हरपाल सिंह के बीच लगे आरोप हैं।
🧨 मंच पर ही लगे ‘सांठगांठ’ के आरोप
कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक चला वामशी रेड्डी, पूर्व मंत्री अतर सिंह, राहुल मक्कड़ और सतवीर पहलवान जैसे वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में हरपाल सिंह ने विधायक परमवीर सिंह पर भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद सुभाष बराला से मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2015 और 2024 के विधानसभा चुनावों में दोनों नेताओं के बीच आपसी समर्थन रहा है।
🤜 धक्का-मुक्की और मारपीट, पुलिस बुलाई गई
आरोपों के बाद मंच पर मौजूद कुछ कार्यकर्ताओं ने हरपाल सिंह को धक्का देकर नीचे उतार दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि हरपाल सिंह ने मारपीट की शिकायत पुलिस को दी। उनका आरोप है कि विधायक के सुरक्षाकर्मी और तीन अन्य लोगों ने उनके साथ मारपीट की। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभाला और मामले की जांच शुरू कर दी है।
🗣️ विधायक परमवीर सिंह का जवाब
विधायक परमवीर सिंह ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि उनका या उनके परिवार का किसी भी संगठनात्मक पद पर कोई नामांकन नहीं हुआ है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पार्टी को जोड़ने वाले कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, न कि माहौल बिगाड़ने वालों को।
🤫 केंद्रीय पर्यवेक्षक रहे चुप
कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय पर्यवेक्षक चला वामशी रेड्डी ने हालांकि बैठक के उद्देश्यों पर बात की, लेकिन गुटबाजी के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली। उन्होंने बताया कि वे टोहाना, रतिया और फतेहाबाद में कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत राय लेकर संगठनात्मक नियुक्तियों पर निर्णय लेंगे।
📌 कांग्रेस की गुटबाजी बनी चुनौती
हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी अब किसी से छुपी नहीं रही। एक ओर जहां पार्टी चुनावी मोर्चों पर कमज़ोर साबित हो रही है, वहीं आंतरिक कलह ने कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ा दिया है। इस तरह के सार्वजनिक विवाद पार्टी की छवि और एकजुटता पर बड़ा सवाल खड़ा करते हैं।