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कौन है अमृतपाल सिंह ? जो खुद को बताता है भिंडरावाले का वारिस’ , जिस के आगे झुक गई पंजाब पुलिस

Byalakhharyana@123

Feb 24, 2023

 

alakh haryana  पंजाब (अमृतसर) : ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh, head of ‘Waris Punjab De’ organization) के अपने समर्थकों के साथ बीते गुरवार यानी 23 फरवरी को अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने पहुँच गए . इसके बाद  हथियारों से लैस समर्थकों थाणे के बाहर खूब हंगामा बरपाया । पुलिस के द्वारा लगाईं गई बैरिकेड्स को  तोड़ कर जबरन पुलिस स्टेशन के अंदर घुस गए। गौरतलब है कि ये सभी अपने  साथी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे, जिसे पंजाब पुलिस ने एक अपहरण मामले में पकड़ा हुआ था । माहौल को देखते हुए पंजाब पुलिस आरोपी की रिहाई पर तैयार हो गई।

Who is Amritpal Singh? The one who calls himself the heir of Bhindranwale, before whom the Punjab Police bowed down जरनैल सिंह भिंडरावाले जैसा लुक में रहने वाले अमृतपाल सिंह आखिर कौन हैं ? जिसके समर्थन में पंजाब उमड़ जाता है . यह नाम पिछले पिछले साल से ही मीडिया में अचानक छाने लगा है ।

अमृतपाल सिंह खुद को खालिस्तानी आतंकी जनरैल सिंह भिंडरावाले (General Singh Bhindranwale ) का अनुयायी होने का दावा करता है। अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh ) पंजाब के अमृतसर (Amritpal Singh Amritsar of Punjab) के जल्लूपुर खेड़ा गांव (Jallupur Kheda Village ) का रहने वाला है। उसने 12 वीं तक पढ़ाई की। वह दुबई (Dubai) में रहकर ट्रांसपोर्ट का बिजनस कर रहा था। पिछले साल सितंबर महीने में वह दुबई में कामकाज समेटकर वापस पंजाब आ गया।

‘Waris Punjab De’  की स्थापना पंजाबी अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू (Deep Sidhu )ने सितंबर 2021 में की थी। इस संगठन का लक्ष्य  युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को ‘जगाना’। दीप सिधु की सडक हादसे में मौत के बाद इस संगठन का जिम्मा अमृतपाल सिंह को दिया गया . बतौर संगठन प्रमुख हुई ताजपोशी के बाद अमृतपाल सिंह ने कहा था, ‘भिंडरावाले मेरी प्रेरणा हैं। मैं उनके बताए रास्ते पर चलूंगा। मैं उनके जैसा बनना चाहता हूं क्योंकि ऐसा हर एक सिख चाहता है लेकिन मैं उनकी नकल नहीं उतार रहा। मैं उनके पैरों की धूल के बराबर भी नहीं हूं।’

 

उसने आगे कहा, ‘मैं पंथ की आजादी चाहता हूं। मेरे खून का हरेक कतरा इसके लिए समर्पित है। बीते समय में हमारी जंग इसी गांव से शुरू हुई थी। भविष्य की जंग भी इसी गांव से शुरू होगी। हम सभी अब भी गुलाम हैं। हमें अपनी आजादी के लिए लड़ना होगा। हमारा पानी लूटा जा रहा है। हमारे गुरु का अपमान किया जा रहा है। पंथ वास्ते जान देने के लिए पंजाब के हरेक युवा को तैयार रहना चाहिए।’

 

 

 

 

 

 

 

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