हरियाणा। हरियाणा की देवीलाल यूनिवर्सिटी में 500 छात्राओं के गुमनाम चिठ्ठी लिखे जाने का मामला सामने आया है।जानकारी के अनुसार सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी की एक विभाग की छात्राओं ने एक प्रोफेसर पर छेड़छाड़ करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसके बाद पुलिस हरकत में आ गई है।गुमनाम चिट्ठी भेजने वाले ने इस मामले में प्रधानमंत्री से लेकर राज्यपाल तक शिकायती पत्र भेजकर न्याय लगाने की गुहार लगाई है। वहीं, प्रोफेसर ने आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
बता दें कि हरियाणा के सिरसा में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में कुलपति के नाम गुमनाम चिट्ठी मिली है।गुरुवार को एक गुमनाम चिट्ठी में दावा किया गया था कि यूनिवर्सिटी के एक विभाग की 500 छात्राएं प्रोफेसर की अश्लील हरकतों से तंग आ चुकी हैं। यह चिट्ठी हरियाणा के CM, गवर्नर, गृह मंत्री, चांसलर और राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजने की बात कही गई थी। छात्राओं का आरोप है कि प्रोफेसर पेपर के समय अंक बढ़ाने और प्रैक्टिकल में अच्छे अंक दिलाने का लालच देते हैं। उसका राजनीतिक रसूख है। उस पर इसलिए अभी तक विवि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की। आरोप है कि प्रोफेसर लड़कियों को अकेले पाकर अपने कार्यालय के बाथरूम में ले जाते हैं और अश्लील हरकत करते हैं।
छात्राओं ने कहा कि उन्होंने जब इसका विरोध किया तो प्रोफेसर ने हमें जान से मारने की धमकी दी। इतना ही नहीं उन दिनों की विभाग की सीसीटीवी फुटेज तक डिलिट करवा दी। छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि संबंधित प्रोफेसर की तरह ही विभाग के एक अन्य प्रोफेसर के हरकतों को लेकर भी विवि प्रशासन को कई बार शिकायत छात्राएं कर चुकी हैं। हालांकि आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। चिट्ठी में छात्राओं ने कहा है कि वह अपने परिजनों तक को कुछ नहीं बता सकती हैं। ऐसे में आपसे मांग है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाए।
गुमनाम चिट्ठी सामने आने पर सिरसा की ASP दीप्ति गर्ग यूनिवर्सिटी पहुंच गई हैं। उनके साथ लेडी पुलिस की टीम भी है। जहां वे छात्राओं और आरोपी प्रोफेसर से पूछताछ कर रही हैं।इससे पहले गुरुवार देर शाम पुलिस यहां आई थी। हालांकि मैनेजमेंट की तरफ से पुलिस को कहा गया कि हॉस्टल शाम 7 बजे ही बंद हो चुका है। जिसके बाद पुलिस को लौटा दिया गया।सिरसा के SP विक्रांत भूषण ने मीडिया से कहा कि गुमनाम चिट्ठी के जरिए शिकायत आई है, उसके बारे में जांच कर रहे हैं। वहीं गुमनाम चिट्ठी को लेकर अब यूनिवर्सिटी में खूब चर्चाएं हो रही हैं।वहीं यूनिवर्सिटी की महिला प्रोफेसरों और संबंधित विभाग की छात्राएं इस बारे में फिलहाल बोलने को तैयार नहीं है। यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, छात्राओं पर मीडिया से बात न करने को लेकर भी मैनेजमेंट का दबाव है।
गुमनाम चिट्ठी में लिखी 3 अहम बातें
1. कई महीने से अकेले में गंदी-अश्लील हरकतें कर रहे
चिट्ठी में लिखा गया कि प्रोफेसर कई महीने से हमारे साथ अकेले में गंदी व अश्लील हरकतें करते हैं। वह सभी को अति चरित्रवान व्यक्ति होने का झूठा दिखावा करते हैं जबकि कड़वी सच्चाई कुछ और ही है। हम लड़कियों को अलग-अलग अकेले में अपने ऑफिस के बाथरूम में बुलाया तथा सभी स्टाफ सदस्यों को बाहर निकालकर हमें बैड टच करता है। जब हमने इसका विरोध किया तो उसने धमकी देते हुए कहा कि यदि कहीं पर कोई भी शिकायत की तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।
2. यूनिवर्सिटी पर भरोसा नहीं, प्रोफेसर को हटाएं चिट्ठी में आगे लिखा गया- प्रोफेसर लड़कियों को धमकाता है कि तुम्हारे सारे सबूत नष्ट कर दिए और अब तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। हम सभी पीड़ित छात्राएं लंबे समय से मानसिक उत्पीड़न का शिकार हैं तथा इस व्यक्ति ने अपने कार्यालय की CCTV फुटेज में अशील हरकतें डिलीट करा रखी हैं।
हमें विश्वविद्यालय पर कोई भी विश्वास नहीं है। अगर आप हमारी इस पूरे प्रकरण के उत्पीड़न की गाथा से हमें कुछ भी न्याय दिलवाने में समर्थ हैं तो कम से कम इस प्रोफेसर को हटाकर किसी अन्य को नियुक्त करने से भी हमारी इज्जत और आबरू से मुक्ति मिल जाएगी।
3. नाम और मोबाइल नहीं दे सकती
हम सब लड़कियां अपना सही नाम व मोबाइल नंबर लिखने में असमर्थ हैं, क्योंकि हमारे परिवार वालों की इज्जत-बेइज्जती व भविष्य का प्रश्न है। प्रोफेसर हम सभी पीड़ित छात्राओं को विश्वविद्यालय से निकालने की धमकी देता है। पेपर के समय नंबर बढ़ाने व प्रैक्टिकल में अच्छे नंबर लगवाने का लालच देता है। प्रोफेसर बहुत अधिक राजनीतिक प्रभाव व रसूख वाला है। इसलिए हम सभी ने एकजुट होकर यह गुमनाम चिट्ठी लिखी है।
इस मामले में वाइस चांसलर प्रो. अजमेर सिंह मलिक से बातचीत की गई तो उन्होंने गुमनाम चिट्ठी और उसमें लगाए आरोपों को लेकर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं दूसरी तरफ जिस प्रोफेसर पर आरोप लगाए गए, उसका कहना था कि ये सब आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। मैं इस मामले में चांसलर से मिलकर बात करूंगा।यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आरके बंसल ने कहा कि हमें गुमनाम चिट्ठी मिली है। इसमें लगाए आरोप गंभीर हैं, इसकी गंभीरता से जांच कराई जाएगी।