नई दिल्ली। डॉ. अनुज नरवाल रोहतकी द्वारा लिखी और ‘अलख स्टूडियो’ के बैनर तले प्रस्तुत की गई ग़ज़ल ‘आँखों से तीर चलाते क्यों हो’ ने प्रेम और दिल टूटने की भावनाओं को खूबसूरती से पिरोया है। यह ग़ज़ल सुनने वालों को भावनात्मक और रूहानी सफर पर ले जाती है।
ग़ज़ल की विशेषताएं
- गीतकार: डॉ. अनुज नरवाल रोहतकी
- गायिका: निधि
- संगीत: एसएस ब्रदर्स
- लेबल: अलख स्टूडियो और अलख मीडिया
ग़ज़ल का संदेश
ग़ज़ल में यह सवाल उठाया गया है कि हम अपनों को ही चोट क्यों पहुंचाते हैं। इसके मार्मिक बोल और संगीत प्रेम और दर्द के जज़्बातों को जीवंत कर देते हैं।
क्यों है खास?
- दिल को छूने वाले बोल और शानदार कविता
- प्रेम, दर्द और टूटे दिल की भावनाओं को दर्शाती एक अनोखी प्रस्तुति
- उन सभी के लिए परफेक्ट, जो प्रेम के गहरे एहसास को महसूस करना चाहते हैं
दर्शकों से अपील
यदि आप प्रेम और दर्द की इन भावनाओं को महसूस करना चाहते हैं, तो इस ग़ज़ल को जरूर सुनें। लाइक करें, शेयर करें और ‘अलख स्टूडियो’ को सब्सक्राइब करें ताकि आपको ऐसी और भी भावनात्मक ग़ज़लें और कविताएं सुनने को मिलें।
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आपकी भावनाओं को आवाज़ देने वाली यह ग़ज़ल, दिल की गहराइयों तक उतर जाएगी। सुनना न भूलें!