चंडीगढ़: हरियाणा के किसानों के लिए अच्छी खबर है! इस बार सरकार ने सरसों की खरीद प्रक्रिया 15 दिन पहले शुरू करने का फैसला लिया है। पहले यह 28 मार्च से शुरू होने वाली थी, लेकिन फसल जल्दी पकने और तापमान में वृद्धि के कारण इसे 15 मार्च से ही शुरू किया जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई रबी सीजन-2025 की समीक्षा बैठक में लिया गया।
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Toggle5,950 रुपये प्रति क्विंटल पर होगी सरकारी खरीद
सरकार ने प्रदेश की 108 मंडियों में सरसों खरीदने का निर्णय लिया है। इसे 5,950 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा। किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
भाकियू ने की थी 28 फरवरी से खरीद शुरू करने की मांग
इससे पहले, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से मुलाकात की थी। उन्होंने 28 फरवरी से सरसों की खरीद शुरू करने की मांग की थी। हालांकि, अंतिम बैठक में 15 मार्च से खरीद शुरू करने का निर्णय लिया गया।
सरसों की बंपर खेती, उत्पादन में बढ़ोतरी
अधिकारियों के मुताबिक, हरियाणा में हर साल लगभग 17 से 20 लाख एकड़ में सरसों की खेती होती है। लेकिन इस बार 21.08 लाख एकड़ में बुवाई हुई है और उत्पादन 15.59 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने की संभावना है।
‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर करना होगा पंजीकरण
सरसों की सरकारी खरीद हैफेड और हरियाणा राज्य भंडारण निगम के माध्यम से होगी। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
भाकियू ने उठाई किसान आंदोलन से जुड़े केस वापस लेने की मांग
बैठक में किसान संगठनों ने 2016-17 और 2020-21 के किसान आंदोलनों के दौरान दर्ज 49 केसों को वापस लेने की मांग की। इसके अलावा, उत्तराखंड की इकबालपुर शुगर मिल में किसानों के बकाया 35 करोड़ रुपये दिलाने का आश्वासन भी दिया गया।
हरियाणा सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और उन्हें अपनी सरसों की फसल बेचने में आसानी होगी।
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