हिसार। जिले के लघु सचिवालय में आयोजित कष्ट निवारण समिति की बैठक उस समय विवादों में घिर गई, जब बैठक के दौरान कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ और भाजपा पदाधिकारी मनीष ऐलावादी के बीच तीखी बहस हो गई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कांग्रेस विधायक और उनके साथी बैठक छोड़कर बाहर निकल गए।
बैठक की अध्यक्षता पंचायत मंत्री कृष्ण कुमार पंवार कर रहे थे। इस बैठक में आदमपुर, नारनौद और नलवा हलकों की जनसमस्याओं को सुना जा रहा था।
भाजपा नेता की टिप्पणी से भड़के कांग्रेस विधायक
विवाद उस समय शुरू हुआ जब भाजपा पदाधिकारी मनीष ऐलावादी ने आदमपुर क्षेत्र की शिकायतों पर बोलते हुए कहा, “अगर दोनों विभाग ठीक से काम करते, तो आज आदमपुर में कांग्रेस का नहीं बल्कि भव्य बिश्नोई (भाजपा) का विधायक होता।”
इस टिप्पणी पर नारनौद से कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ भड़क गए। उन्होंने तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह सरकारी बैठक है, कोई भाजपा का पार्टी ऑफिस नहीं। अगर यह रवैया रहा तो कष्ट निवारण समिति का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा।”
बैठक में हंगामा, विधायक छोड़कर गए बाहर
विधायक पेटवाड़ की आपत्ति के बाद माहौल गरमा गया। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई। इसी बीच आदमपुर के विधायक चंद्र प्रकाश और नारनौद के विधायक पेटवाड़ बैठक छोड़कर बाहर निकल गए।
पंचायत मंत्री कृष्ण पंवार ने मामले को संभालते हुए दोनों पक्षों को शांत करवाया और बैठक की कार्यवाही को आगे बढ़ाया। बैठक में नलवा से विधायक रणधीर पनिहार भी मौजूद थे।
“बैठक को बना दिया गया भाजपा कार्यालय” — पेटवाड़
बाहर आकर विधायक पेटवाड़ ने पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि “भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस जनसुनवाई बैठक को भाजपा कार्यालय बना दिया है। मैं पहली बार इस बैठक में शामिल हुआ था यह देखने के लिए कि मंत्री जनता की समस्याएं कैसे सुनते हैं। लेकिन यहां तो भाजपा नेता राजनीतिक भाषण दे रहे हैं, जैसे यह कोई पार्टी मीटिंग हो।”
उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री समस्याओं को गंभीरता से सुन रहे थे, लेकिन कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं के रवैये ने बैठक की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।