Land slide, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ में पांच लोगों की मौत हो गई, कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया।
इस बीच, प्रशासन ने दो दिनों के लिए विद्यालयों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है। सभी प्रमुख नदियां उफान पर है और स्थानीय मौसम विभाग कार्यालय ने नौ जुलाई को किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति के आदिवासी जिलों को छोड़कर, 12 जिलों में से 10 में अत्यधिक भारी बारिश होने के पूर्वानुमान को लेकर नौ जुलाई को रेड अलर्ट (204 मिलीमीटर से अधिक वर्षा) जारी किया है।
राज्य आपदा अभियान केंद्र के अनुसार, राज्य में बीते 36 घंटों में भूस्खलन की 14 बड़ी घटनाएं और अचानक बाढ़ आने की 13 घटनाएं हुईं। इस दौरान 700 से अधिक सड़कें बंद कर दी गईं।
मनाली में भारी बारिश से दुकानों के बहने और कुल्लू, किन्नौर तथा चंबा में अचानक नाले में आई बाढ़ में वाहनों के बह जाने और कृषि भूमि को नुकसान होने की भी खबरें सामने आई है। शिमला जिले में कई सड़कें बंद कर दी गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि शिमला जिले के कोठगढ़ इलाके में भूस्खलन से एक घर ढह गया, जिसमें एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अनिल नाम के व्यक्ति, उनकी पत्नी किरन और पुत्र स्वप्निल के रूप में हुई है।
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कुल्लु शहर में भी भूस्खलन से एक कच्चा मकान क्षतिग्रस्त हो गया जिसमें एक महिला की मौत हो गई। अन्य हादसे में चंबा तहसील के कातियान में शनिवार रात भूस्खलन के मलबे में एक व्यक्ति दफन हो गया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शोक व्यक्त किया और कहा कि जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।