हरियाणा के उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के कॉलेजों में कार्यरत 160 एक्सटेंशन लेक्चरर्स को नौकरी से हटाने के फैसले के खिलाफ हरियाणा कांट्रैक्चुअल कॉलेज टीचर एसोसिएशन (HCCTA) ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदेशभर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में लगभग 2,000 एक्सटेंशन लेक्चरर्स कार्यरत हैं, जिनमें से 160 को 18 फरवरी को जारी आदेश के तहत अयोग्य करार देकर नौकरी से हटा दिया गया।
यूजीसी के आदेश का हवाला देकर हटाए गए लेक्चरर
एसोसिएशन के प्रधान रामपाल ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में बताया कि UGC ने 16 जनवरी को राजस्थान के तीन निजी विश्वविद्यालयों—ओपीजेएस, सनराइज और सिंघानिया विश्वविद्यालय को 2025-2030 तक पीएचडी डिग्री देने से प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, यूजीसी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि पहले से दी गई पीएचडी डिग्रियां अमान्य मानी जाएंगी या नहीं। इसी आधार पर हरियाणा सरकार ने 18 फरवरी को स्पीकिंग ऑर्डर जारी कर 160 एक्सटेंशन लेक्चरर्स को बर्खास्त कर दिया।
सिर्फ एक्सटेंशन लेक्चरर्स पर कार्रवाई क्यों?
एसोसिएशन का कहना है कि इन यूनिवर्सिटीज से पीएचडी करने वाले कई लोग नियमित असिस्टेंट प्रोफेसर, एडेड कॉलेजों, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और अन्य सरकारी पदों पर कार्यरत हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ एक्सटेंशन लेक्चरर्स पर ही की गई। इस फैसले को पक्षपातपूर्ण बताते हुए एसोसिएशन ने इसे चुनौती देने का ऐलान किया है।
सरकार से बातचीत और आंदोलन की तैयारी
एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और उच्च शिक्षा निदेशक राहुल हुड्डा से मुलाकात कर अपनी बात रखी है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि वे सभी संभावित पहलुओं पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
इस मौके पर चरण सिंह ग्रोवर, संदीप कुमार, डॉ. सोनू रानी, डॉ. नेहा, डॉ. राकेश, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. राहुल, डॉ. दीपक सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।