चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर जारी है। जहां कुछ कांग्रेस नेता ईवीएम को दोष दे रहे थे, वहीं अब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने पार्टी की गलतियों को स्वीकार किया है। उन्होंने माना कि टिकट वितरण में बड़ी चूक हुई और 10 से 15 सीटों पर गलत उम्मीदवार उतारे गए।
बावरिया ने दी इस्तीफे की पेशकश
दीपक बावरिया ने कहा कि अगर सब मुझे दोषी मानते हैं, तो मैं अपनी जिम्मेदारी छोड़ने को तैयार हूं। उन्होंने बताया कि उन्होंने पहले ही अपना इस्तीफा पार्टी को भेज दिया था। बावरिया ने यह भी दावा किया कि काउंटिंग के दिन उन्हें कुछ सीटों पर धांधली की शिकायतें मिली थीं, जिन्हें उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को भेजा था।
पार्टी के अंदर मंथन जारी
चुनाव के बाद पार्टी ने तीसरी बार समीक्षा बैठक की, जिसमें दीपक बावरिया पहली बार शामिल हुए। उन्होंने सफाई दी कि बीमारी के कारण वह पिछली दो बैठकों में नहीं आ सके थे। बैठक से पहले सह-प्रभारी जितेंद्र बघेल ने पार्टी के अंदर अनबन की खबरों को अफवाह बताया।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी हुआ चर्चा
दिल्ली में 29 नवंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी हरियाणा की हार पर चर्चा हुई। इसमें अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आपसी फूट और अनुशासनहीनता को हार का मुख्य कारण बताया। उन्होंने संगठन को मजबूत करने और एकता बनाए रखने का फॉर्मूला लागू करने की बात कही। बैठक में राहुल गांधी, कुमारी सैलजा, दीपेंद्र हुड्डा, और रणदीप सुरजेवाला जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
हार के बाद गठित हुई फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी
हार के बाद कांग्रेस ने भूपेश बघेल की अध्यक्षता में दो सदस्यीय फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी का गठन किया। इसमें राजस्थान के विधायक हरीश चौधरी भी शामिल हैं। यह कमेटी हरियाणा के विधायकों और हारने वाले उम्मीदवारों के साथ बैठक कर पार्टी की कमजोरियों की समीक्षा कर रही है।
अब कांग्रेस संगठन में मजबूती और एकता के लिए नए सिरे से काम करने की दिशा में जुटी है।