चरखी दादरी, अलख हरियाणा डॉट कॉम । चरखी दादरी जिले के गांव मानकावास में नालियों व रैंप के निर्माण को मापने के दौरान गहराई अधिक दिखाकर ग्राम पंचायत को वित्तीय हानि पहुंचाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि निवर्तमान सरपंच द्वारा अधिकारियों संग मिलकर इस काम को अंजाम दिया गया। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, बीडीपीओ के द्वारा शिकायद दी गई है फिलहाल चरखी दादरी सदर थाना पुलिस ने गांव मानकावास के निवर्तमान सरपंच, विभाग के एक एसडीओ व जेई के खिलाफ एफआईआर (FIR ) दर्ज कर मामले की जाँच में जुट गई है।
बीडीपीओ रोशनलाल श्योराण ने पुलिस को जो दी शिकायत दी है उसमें बताया है कि गांव मानकावास निवासी एक व्यक्ति ने हरियाणा के लोकायुक्त को गांव के तत्कालीन सरपंच व अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दी थी। जिसके बाद जून 2021 में नगराधीश ने शिकायत की जांच रिपोर्ट बनाकर डीसी चरखी दादरी को भेज दी थी। इसके बाद की गई जांच में ग्राम पंचायत को आर्थिक नुकसान पहुंचाने व गबन करना पाया गया था।
गौरतलब है कि जून 2021 में ही DC ने BDPO को पत्र लिखकर मामला दर्ज करवाने व राशि वसूल करने के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद निवर्तमान सरपंच द्वारा विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के समक्ष अपील की । जिस पर ACS ने BDPO को स्पीकिंग आर्डर पारित करने के निर्देश दिए। जिसके चलते बीडीपीओ द्वारा तत्कालीन सरपंच व अन्य को स्थिति स्पष्ट करने के बारे में लिखा गया था । स्पीकिंग आर्डर अनुसार गांव मानकावास के तत्कालीन सरंपच, विभाग के एक एसडीओ व एक जेई द्वारा मिलीभगत करके गांव में नालियों व रैंप के निर्माण कार्य को मापने के दौरान गहराई अधिक दिखाकर मापक पुस्तिका में दर्ज कर निर्माण सामग्री के बिलों को तकनीकी रूप से मात्रा, गुणवत्ता वेरीफाई कर ग्राम पंचायत को दो लाख 91 हजार 775 रुपये का अधिक भुगतान करवाने के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी बताया गया।
बीडीपीओ श्योराण ने 29 सितंबर को पुलिस को दी शिकायत में बताया कि गांव मानकावास के तत्कालीन सरपंच द्वारा अभी तक यह राशि जमा नहीं करवाई गई है। शिकायत के आधार पर दादरी सदर थाना पुलिस ने गांव मानकावास के तत्कालीन सरपंच मनोज कुमार, विभाग के एसडीओ अनूप देशवाल व जेई कृष्ण कुमार के खिलाफ धारा 409 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
जबकि निवर्तमान सरपंच मनोज कुमार का कहना है कि फिलहाल इस मामले में डीसी ने कार्रवाई पर स्टे आर्डर दे रखा है और बीते एक सितंबर को उन्होंने 291775 रुपये की राशि विभाग में जमा करवा दी थी, जिसकी रसीद भी उनके पास है। मनोज ने नियमों के अनुसार गांव में काम करवाने की बात कही और जो जेई द्वारा मेजरमेंट बुक, एमबी भरने के बाद ग्राम सचिव द्वारा बिल वेरीफाई किए गए थे।
याद रहे IPC की धारा 409 के अनुसार, जो भी कोई लोक सेवक के नाते अथवा बैंक कर्मचारी, व्यापारी, फैक्टर, दलाल, अटर्नी या अभिकर्ता के रूप में किसी प्रकार की संपत्ति से जुड़ा हो या संपत्ति पर कोई भी प्रभुत्व होते हुए उस संपत्ति के विषय में विश्वास का आपराधिक हनन करता है, यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है। उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित का प्रावधान है।