खट्टर सरकार ने नौ वर्ष पूरे होने की खुशी में नगर निगमों के महापौर और सदस्यों, जिला परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों के मानदेय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। वहीं मातृभाषा सत्याग्रहियों और आपातकाल पीड़ितों की पेंशन राशि भी बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया है। 190 अनाधिकृत कॉलोनियों को भी नियमित करने का एलान उन्होंने इस दौरान किया।
मुख्यमंत्री ने नगर निगमों, नगर परिषदों और समितियों के सदस्यों के मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की। खट्टर ने कहा कि यह निर्णय एक अक्टूबर, 2023 से प्रभाव से लागू होगा। उन्होंने कहा कि पहले महापौरों को 20,500 रुपये मासिक मानदेय मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है। इसी प्रकार, वरिष्ठ उपमहापौर का मानदेय 16,500 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये, जबकि उपमहापौर का मानदेय 13,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये और पार्षदों का मानदेय 10,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया है।
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नगर परिषद अध्यक्ष का मानदेय 10,500 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने यमुनानगर में 800 मेगावाट के ताप विद्युत संयंत्र की स्थापना को मंजूरी दे दी है।
मनोहर लाल अपनी सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने औपचारिक रूप से ‘प्राणवायु देवता पेंशन’ योजना की भी शुरुआत की, जिसके तहत 75 साल से अधिक पुराने पेड़ों के संरक्षकों को वृक्षों की देखभाल और रखरखाव के लिए 2,750 रुपये की वार्षिक पेंशन दी जाएगी। वन क्षेत्रों में स्थित वृक्ष इस योजना के अंतर्गत नहीं आएंगे।