दिल्ली के अभिभावकों को राहत देने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने स्कूल फीस नियमन से संबंधित मसौदा विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी दे दी है। यह विधेयक 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा और दिल्ली के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त व निजी स्कूलों पर समान रूप से लागू होगा।
सीएम रेखा गुप्ता का बयान: “ऐतिहासिक और साहसिक कदम”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस विधेयक को लेकर कहा:
“दिल्ली के इतिहास में पहली बार, फीस नियंत्रण को लेकर फूलप्रूफ विधेयक लाया जा रहा है। अब कोई भी स्कूल मनमर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकेगा। यह कदम लाखों अभिभावकों को राहत देने वाला है।”
शिक्षा मंत्री का दावा: रेगुलेशन के साथ कार्रवाई भी तय
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि इस विधेयक से न सिर्फ फीस वृद्धि पर रोक लगेगी, बल्कि उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर सख्त कार्रवाई भी की जा सकेगी।
“हमने फीस को लेकर पूरी प्रक्रिया तय की है। अब फीस बढ़ाने से पहले पारदर्शी मूल्यांकन और अभिभावकों की सहमति आवश्यक होगी।”
उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों को पहले भी नोटिस दिए गए हैं, उनके खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई होगी।
फीस निर्धारण की प्रक्रिया: कौन करेगा फैसला?
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि नए विधेयक के अंतर्गत तीन स्तरों पर समितियां बनाई जाएंगी, जो फीस वृद्धि से जुड़े मामलों का निर्णय लेंगी:
✅ स्कूल स्तर पर समिति
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3 शिक्षक और 5 अभिभावक होंगे शामिल
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चयन ड्रा (लॉटरी) प्रणाली से किया जाएगा
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कार्यकाल होगा 3 साल
✅ जिला स्तरीय समिति
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कुल 10 सदस्य, जिनमें 2 महिलाएं अनिवार्य
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स्कूलों की बुनियादी संरचना, सुविधाएं और गुणवत्ता के आधार पर निर्णय
✅ राज्य स्तरीय नियंत्रण
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शिक्षा विभाग की निगरानी में होगा अंतिम अनुमोदन
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स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट व खर्चों की जांच के बाद फीस तय
प्रभावित होंगे ये सभी स्कूल
यह विधेयक दिल्ली के 1677 स्कूलों पर लागू होगा, जिनमें शामिल हैं:
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सहायता प्राप्त विद्यालय
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गैर-सहायता प्राप्त (प्राइवेट) स्कूल
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अन्य सभी मान्यता प्राप्त स्कूल
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