हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 18 मार्च 2025 को सातवें दिन में प्रवेश कर गया। इस दौरान भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। सदन में 2008 के इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ, जिससे कुछ विधायक सदन से बाहर चले गए।
इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले पर कांग्रेस ने किया हंगामा
सदन में पहले प्रश्नकाल की कार्यवाही पूरी होने के बाद शून्यकाल में 2008 के इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले का मुद्दा गरमाया। भाजपा विधायक सुनील सांगवान ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से स्पष्ट हुआ कि 20 इंस्पेक्टरों की भर्ती में धांधली हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस भर्ती में हेरफेर कर फेल उम्मीदवारों को टॉप करवा दिया गया था, और इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के भतीजे का नाम भी शामिल था।
भाजपा विधायक के इस बयान के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि “इन्हें मिर्ची लग गई।” इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि कोर्ट ने उस समय की सरकार की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार में युवाओं को न्याय नहीं मिलता था। इस पर कांग्रेस विधायकों ने वेल में नारेबाजी की और फिर सदन से वॉकआउट कर दिया।
किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा
कांग्रेस विधायक परमवीर सिंह ने शून्यकाल के दौरान किसानों से जुड़े मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की मानसिक स्थिति को समझते हुए उनके खिलाफ दर्ज केस वापस लेने चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि किसानों को प्रदर्शन के दौरान रोका जाना किस कानून के तहत उचित है।
इसके अलावा, उन्होंने एमएसपी का मुद्दा भी उठाया और आरोप लगाया कि हरियाणा में सेलर मालिक किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नहीं खरीदते। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार सुनिश्चित करे कि एमएसपी पर खरीद की जाए। वहीं, डीजल पर वैट के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में पंजाब से अधिक वैट लिया जा रहा है, जिसे कम किया जाना चाहिए।
गोहाना की जलेबी पर फिर छिड़ी बहस
बजट सत्र के दौरान भाजपा विधायक रामकुमार गौतम ने एक बार फिर गोहाना की प्रसिद्ध जलेबी को लेकर व्यंग्य किया। उन्होंने कहा कि नकली दवाइयां, नकली दूध, नकली मावा और नकली बीज के कारण हमारी नस्लें कमजोर हो रही हैं, और इसके लिए कड़ी सजा होनी चाहिए।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भी गौतम और मंत्री अरविंद शर्मा के बीच गोहाना की जलेबी को लेकर बहस हुई थी। गौतम ने दावा किया था कि अब यह जलेबी शुद्ध नहीं रही और इसमें घी की जगह डालडा का उपयोग किया जा रहा है। इस विवाद को देखते हुए 17 मार्च को सदन में गोहाना की जलेबी लाई गई, लेकिन विधायक गौतम ने इसे खाने से इंकार कर दिया।
हरियाणा बजट सत्र में चल रही बहस और हंगामे के बीच कई अहम मुद्दे सामने आ रहे हैं, जो आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति को नया मोड़ दे सकते हैं।