Haryana : हरियाणा में महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह निषेध अधिकारियों को अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए कारगर कदम उठाने के निर्देश दिए गए है। यदि कहीं पर भी बाल विवाह किए जाने की सूचना मिलती है तो उस पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाए।
सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग अन्य विभागों के साथ पूर्ण तालमेल से कार्य करेंगे और राज्य में बाल विवाह पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाना सुनिश्चित करेंगे।
इस कार्य के लिए बाल विवाह निषेध अधिकारी तथा पुलिस कंट्रोल रूम के नम्बर 112 व 100 चाईल्ड हैल्प लाईन नम्बर, 1098, महिला हैल्प लाईन के नम्बर 1091 बारे आम जन को जागरूक किया जा रहा है ताकि आवश्यकता होने पर नागरिक इनका उपयोग कर सके।
प्रवक्ता ने बताया कि आमतौर पर अखा तीज पर सामाजिक प्रथा अनुसार लोगों द्वारा बड़ी संख्या में शादियों का आयोजन किया जाता है। इसलिए जागरूकता के अभाव में कोई भी बाल विवाह नहीं होना चाहिए। जो कि कानूनी रूप से अपराध है। बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार लडक़ी की शादी 18 वर्ष व लडक़े की शादी 21 वर्ष से पहले नही होनी चाहिए। एक्ट के तहत् बाल विवाह के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्यवाही की जाती है, जिसके तहत 2 साल की जेल व एक लाख रूपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है। नागरिकों से अपील है की झूठी शिकायत न करें। अगर कोई झूठी शिकायत करता है तो ऐसी व्यक्ति के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
जिलों के सामुदायिक केन्द्र, सार्वजनिक भवन, बैंकट हाल, मैरिज पैलेस इत्यादि के मालिक अथवा प्रभारियों से भी अपील की जाती है कि वे उनके यहां आयोजित होने वाले विवाह समारोह के सम्बन्ध मे दुल्हा व दुल्हन के आयु प्रमाण पत्र की जांच कर लें और आयु प्रमाण पत्रों की एक प्रति अपने पास भी रख लें ताकि उनके यहां बाल विवाह का आयोजन न हो सके। बाल विवाह की रोकथाम के लिए विवाह करवाने वाले पुजारी, गावं के पंच, सरंपच व नम्बरदार तथा शहरो में नगर पार्षद भी अपने क्षेत्र में आयोजित होने वाले विवाह अनुष्ठान के बारे में अपने स्तर पर दुल्हा व दुल्हन के आयु प्रमाण पत्र की अवश्य जांच करें और बाल विवाह पाये जाने की सूचना प्रशासन एवं विभाग को देना सुनिश्चित करें।