अलख हरियाणा डॉट कॉम || हरियाणा सूबे की मनोहर सरकार अब हरियाणा की धरती पर जो पेड़ 75 बरस के हो गए हैं उनको पेंशन स्कीम में लाने जा रही है। यानी उनको हरियाणा सरकार पेंशन देने जा रही है। इन पेड़ों को सालाना 2500 की पेंशन मिला करेगी। हरियाणा की मनोहर सरकार ने इसको ‘प्राण वायु देवता पेंशन योजना’ (‘Pran Vayu Devta Pension Scheme’) का नाम दिया है। यह पेंशन योजना ‘आक्सी-वन’ परियोजना (‘Axi-One’ project) के अंतर्गत है। योजना है कि यह यह पेंशन , शहरी निकायों द्वारा अदा की जाएगी।
अब आप सोच रहे होंगे कि पेड़ों के न किसी बैंक में खाते हैं और न घर ऐसे में यह पेंशन किसको दी जाएगी। यह पेंशन देखभाल करने वाली सामा जिक संस्थाओं और साथ ही स्थानीय लोगों को इस योजना से जोड़ा जायेगा। इस पेंशन के पैसे को इन बूढ़े पेड़ों के इर्द गिर्द ग्रिल व ‘नेमप्लेट’ (प्रजाति को दर्शाती हुई) व अन्य आसपास की साफ-सफाई पर खर्च करना होगा।
मनोहर लाल ने कार फ्री डे पर पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी है। गौरतलब है कि ‘प्राणवायु देवता पेंशन’ योजना भारत की अपनी तरह की पहली और एक अनूठी योजना होगी। इसके अलावा हरियाणा में वन लगाने की योजना भी है। जिसके तहत ‘चित्त-वन’ में कचनार, अमलताश, सेमल, सीता-अशोक, जावा, कैसिया, लाल गुलमोहर, स्वर्ण वर्षा और पैशन फ्लावर आदि लगाए जाएंगे। ‘पाखी वन’ में पीपल, बरगद, पिलखन, नीम आदि आरोपित होंगे जबकि अंतरिक्ष वन में ‘पलाश’, ढाक, गूलर, आमला, कृष्ण नील, चम्पा, खैर और बिल्वा आदि के पेड़ लगेंगे। ‘आरोग्य वन’ में तुलसी, अश्वगंधा, नीम, एलोवेरा, हरड़, बहेड़ा और आंवला आदि जबकि सुगंध वाटिका में चमेली, रात की रानी, सुगंध राज, जैसमिन, परिजात, चम्पा, गुलाब, हनी सक्कल, पैसीफ्लोरा आदि की बहार होगी। इसी क्रम में ‘पंचवटी’ के नाम से भी एक क्षेत्र चिह्नित होगा। इसमें पांच तरह के पेड़ होंगे।