विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है। पुरे देश में हर तरफ ख़ुशी का माहौल है क्योकि नीरज चोपड़ा विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बन गए है। 40 सालो में पहली बार कोई भारतीय ये गोल्ड मैडल जीतकर लाया है। जिसके बाद एक तरफ जहां नीरज चोपड़ा को सीएम मनोहर के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी वही दूसरी तरफ नीरज चोपड़ा के पानीपत के गांव खंडरा में हर तरफ ख़ुशी की लहर दौड़ उठी। नीरज के परिजनों, कोच, मित्रों व गांववासियों की आंखों में खुशी के आंसू उमड़ पड़े।
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दरअसल देर रात को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के नेशनल एथलेटिक्स सेंटर में नीरज ने जेवलिन थ्रो इवेंट में 88.17 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक पर निशाना साधकर इतिहास रच दिया। यह चैंपियनशिप हंगरी के बुडापेस्ट में 19 अगस्त से 27 अगस्त तक खेली गई। उन्होंने पिछले साल यूजीन में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था, जिसे उन्होंने इस बार गोल्ड में बदला।नीरज फाइनल मुकाबले के पहले प्रयास में असफल रहे और फाउल हो गए। लेकिन नीरज के लिए पहले से ही प्रार्थनाओं और दुआओं का दौर शुरू था और दूसरे राउंड में नीरज ने 88.17 मीटर पर थ्रो किया और गोल्ड अपने नाम कर लिया।
जैसे ही नीरज ने गोल्ड जीता उनके गांव खंडरा में ग्रामीणों व परिवार वालों ने भारत माता की जय के नारे लगाए साथ ही सीटी, ताली बजाकर जीत की खुशी मनाई।लोगों ने – छा गया म्हारा छोरा, गाड़ दिया लठ, म्हारा गोल्ड आग्या कहकर एक दूसरे को लड्डू खिलाये। जीत के बाद नीरज के परिजनों, कोच, मित्रों व गांववासियों की आंखों में खुशी के आंसू उमड़ पड़े।नीरज की माँ सरोज देवी ने कहा था कि उन्हे पूरा यकीन था कि उनका बेटा अब की बार भी गोल्ड ही जीतेगा| साथ ही नीरज के पिता ने जीत के बाद इस जीत को बार-बार दोहराने का संदेश दिया।
नीरज चोपड़ा के चाचा भीम चोपड़ा ने कहा कि इस गोल्ड मेडल के लिए नीरज पिछले 6 महीने से विदेश में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की कड़ी मेहनत कर रहे थे। नीरज का फोकस विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतना था , जब नीरज को ग्रोइंग इंजरी हुई थी तब विशेषज्ञ ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी। लेकिन 1 महीने के आराम के बाद नीरज ने दमदार वापसी करते हुए एक तीर से दो निशाने लगाए। एक वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में क्वालीफाई करने के साथ ही उन्होंने ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई कर लिया। नीरज चोपड़ा अगले साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक की तैयारी करने के साथ एशियन गेम्स डायमंड लीग फाइनल मैच की भी तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया की देश की उम्मीद पर खरा उतरने के लिए नीरज चोपड़ा दिन रात मेहनत कर रहे हैं और उनकी मेहनत का परिणाम सामने आ रहा है।
नीरज चोपड़ा के पिता सतीश ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश ,गांव व परिवार के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा नीरज चोपड़ा देश का नाम रोशन करने में जी जान एक कर देगा। पिता सतीश ने नीरज को संदेश दिया कि इस जीत को बार-बार दोहराता रहे। पिता ने कहा कि पिछली वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने के बाद मन में गोल्ड मेडल जीतने की कसक थी, जिसे आज नीरज ने पूरा कर लिया.
नीरज चोपड़ा के गांव के लोगों का कहना है कि परमात्मा ने मेहनत और करनी फल दिया है कि आज उसने गोल्ड मेडल जीता है।उन्होंने कहा कि नीरज बचपन से सरकारी स्कूल में पढ़ने के बाद साइकिल से शहर में प्रैक्टिस के लिए आता जाता था। उसकी ये मेहनत आज रंग लाई और उसने गोल्ड मेडल जीत कर एक बार फिर गांव का नाम रोशन किया है। उसकी जीत से युवाओं को बहुत प्रेरणा मिल रही है, युवा आगे आएंगे और गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करेंगे।