चंडीगढ़।अलख हरियाणा || नई शिक्षा नीति को लागू करने के मकसद से हरियाणा सूबे की मनोहर सरकार ऐसे कोर्सों को बंद करने जा रही है जो नई शिक्षा नीति के दायरे में फिट नहीं बैठ रहे हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (district education training institute haryana) (डाइट) के बाद अब निजी कालेजों में भी डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) Diploma in Elementary Education (D.El.Ed.) कोर्स को बंद करने का सैद्धांतिक फैसला कर चुकी है।इस कोर्स आम बोलचाल की भाषा में जेबीटी के नाम से जाना जाता है।
हरियाणा में 342 प्राइवेट कॉलेजों और 22 डाइट में इस कोर्स को करवाने की अनुमति थी। सभी प्राइवेट कॉलेजों को नय सत्र में डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) Diploma in Elementary Education (D.El.Ed.) कोर्स में दाखिले न देने के आदेश दिए गए हैं। इस कोर्स की प्राइवेट कॉलेजों में 21 हजार सीटें हैं। इसके अलावा डीएलएड कोर्स बंद करने से प्राइवेट कॉलेजों के 3456 शिक्षकों तथा करीब 1800 गैर-शिक्षक स्टाफ की नौकरी पर खतरा मड़राना तय है।
गौरतलब है कि आखिरी दफा जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) JBT (Junior Basic Trend) टीचर भर्ती साल 2012 ने 9870 पदों के लिए हुए थी। फिलहाल हरियाणा का शिक्षा विभाग जेबीटी टीचर को सरप्लस बता रहा है। वहीं विधानसभा में खुद हरियाणा के मुखिया मनोहर लाल खट्टर साफ़ कर चुके हैं कि नई शिक्षा नीति में परंपरागत प्राथमिक शिक्षकों की जरूरत नहीं है।
दूसरी तरफ प्राइवेट कॉलेज सरकार के इस फैसले से नाराज हैं उनका कहना है कि पीएचडी और आइटीआइ सहित इंजीनियरिंग तक सभी कोर्सों के डिग्री व डिप्लोमा होल्डर्स की संख्या सरप्लस है क्या इनको बंद करवा जाएगा। जेबीटी बंद करने से प्रदेश के युवाओं को इस कोर्स के लिए दूसरे प्रांतों का रुख करना पड़ेगा।
कुल मिलाकर नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश सरकार कई पुराने कोर्स बंद कर सकती है ये समय की मांग भी है लेकिन इसकी के साथ नय कोर्स भी शामिल कर सकती है ये उम्मीद भी की ही जा सकती है