चंडीगढ़ |हरियाणा में प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 2025–26 के लिए कलेक्टर रेट में प्रस्तावित संशोधन को स्थगित कर दिया है, जिससे रजिस्ट्री महंगी नहीं होगी। अब राज्य में पहले से तय दरें ही लागू रहेंगी और किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। इस संबंध में राजस्व विभाग ने औपचारिक आदेश जारी कर दिए हैं।
क्या कहा अधिकारियों ने?
वित्त आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) सुमिता मिश्रा ने पुष्टि करते हुए बताया कि कलेक्टर दरों में पिछला संशोधन दिसंबर 2024 में किया गया था। उन्होंने कहा, “फिलहाल हमने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि पुरानी दरें ही लागू रहेंगी। हमने अभी तक किसी जिले से नए संशोधन की रिपोर्ट नहीं मांगी है।”
क्यों टला संशोधन?
1. दिसंबर 2024 में ही हुआ था बदलाव
हर साल अप्रैल में नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ कलेक्टर दरों में संशोधन किया जाता है, लेकिन इस बार दिसंबर 2024 में ही संशोधन हो चुका था। ऐसे में चार महीने के भीतर दोबारा दरें बदलना उचित नहीं समझा गया।
2. कुछ जिलों ने खुद भेजे प्रस्ताव
राजस्व विभाग के सूत्रों के मुताबिक, कुछ जिलों ने स्वेच्छा से कलेक्टर दरों में 10 से 25% तक बढ़ोतरी के प्रस्ताव तैयार कर लिए थे। यहां तक कि कई जिलों में इन प्रस्तावों को वेबसाइट पर अपलोड कर जनता से आपत्तियां मांगने की तैयारी भी कर ली गई थी, जबकि सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला था।
3. चुनावी व्यस्तताओं के कारण पहले ही हुआ था विलंब
2024 में लोकसभा और फिर विधानसभा चुनावों के कारण वार्षिक संशोधन अप्रैल में नहीं हो सका था। अक्टूबर में नई सरकार के गठन के बाद दिसंबर में कलेक्टर दरों का संशोधन किया गया। ऐसे में अब दोबारा संशोधन करने की कोई आवश्यकता नहीं समझी गई।
क्या होगा आगे?
राजस्व विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जब तक नए आदेश जारी नहीं होते, राज्यभर में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पुराने कलेक्टर रेट पर ही होगी। इससे न केवल आम लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता भी बनी रहेगी।