अलख हरियाणा || ब्यूरो रिपोर्ट || हरियाणा सूबे में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के मुख्य आधार एलिजिबिलिटी टेस्ट (संयुक्त पात्रता परीक्षा) के नियम तय कर दिए गए हैं। नय नियमों के अनुसार कैंडिडेट को सामाजिक-आर्थिक (सोशियो-इकोनामिक) मानदंड के तहत ज्यादा से ज्यादा पांच अंकों का लाभ प्राप्त कर सकता है। वहीं पहले इस आधार पर 10 अंक तक का लाभ मिलता था। गौरतलब हैं कि हरियाणा सूबे की मनोहर सरकार ने पिछले दिनों जिस घर में नौकरी नहीं है उसको लेकर तय किया था कि जिसके पिता नहीं हैं, जो महिला अभ्यर्थी विधवा है और जो उम्मीदवार विमुक्त जाति के हैं, उन्हें पांच-पांच अंकों का लाभ सामाजिक-आर्थिक मानदंड के आधार पर नौकरियों में दिया जाएगा। प्रत्येक कटेगरी में पांच अंक का लाभ निर्धारित किया गया था, जो कुल मिलाकर 20 अंक बनते हैं, लेकिन नियम यह भी बनाया गया था कि कोई एक अभ्यर्थी 10 अंकों से अधिक का लाभ हासिल नहीं कर सकेगा।
हाल में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की भर्ती के लिए कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए जो नियम एवं शर्तें अधिसूचित की हैं उसमें केंडिडेट उपरोक्त कैटेगरी के लाभ में से अधिकतम 5 ही ले सकता है। यह नियम नई नौकरियों में लागू होगा।
तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के मुख्य आधार एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए उम्मीदवार को फैमली आईडी के आधार पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। 30 सितंबर तक इस पोर्टल पर पंजीकरण कराया जा सकता है। इसके बाद क यूनिक आइडी नंबर जेनरेट होगी। भविष्य में आयोग में किसी भी पद के लिए आवेदन करने के लिए हमेशा उसी नंबर का प्रयोग किया जाता रहेगा।
हरियाणा सूबे की मनोहर सरकार ने हर परिवार में नौकरी देने के मकसद से ये अहम फैसला लिया है। मिडिया रिपोर्ट के अनुसार ग्रुप सी व डी श्रेणी के तहत विभिन्न पदों को भरने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा एक कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित होगा। ग्रुप डी के पदों के लिए सेलेक्शन कामन एंट्रेंस टेस्ट “CET ” की मेरिट के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा ग्रुप C के पदों के मामले में उम्मीदवारों को “CET TEST के अतिरिक्त विभागीय परीक्षा भी देनी होगी।