बता दें कि गहलोत ने दिल्ली में कहा कि उन्होंने राज्य के विधानसभा चुनाव के लिए सचिन पायलट के समर्थकों को टिकट देने का विरोध नहीं किया है। पायलट ने कहा कि वह सभी योग्य उम्मीदवारों के प्रस्तावों का खुले दिल से स्वागत करते हैं, यहां तक कि वे भी जो पिछले साल अनुशासनहीनता में शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर माह में मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अशोक गहलोत खेमे के विधायकों के शामिल नहीं होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को अनुशासनहीनता के लिए पार्टी द्वारा नोटिस दिया गया था।
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गहलोत समर्थक विधायकों ने पिछले साल सितंबर में सचिन पायलट को नया मुख्यमंत्री नियुक्त करने के पार्टी के किसी भी कदम का विरोध करने के लिए जयपुर में मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर एक समानांतर बैठक की थी। उस समय अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में थे।
उस घटना का जिक्र करते हुए पायलट ने दौसा में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने उन सभी के प्रस्तावों का खुले दिल से स्वागत किया है जो जीतने योग्य हैं, यहां तक कि उन लोगों के भी जिन्होंने सोनिया गांधी की बात नहीं मानी थी। कांग्रेस नेता शुक्रवार को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा की जनसभा की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए दौसा में थे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान के बाद पायलट की प्रतिक्रिया सामने आई। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने कभी किसी जीतने योग्य उम्मीदवार का विरोध नहीं किया है और यहां तक कि उनका भी जो पिछले साल सितंबर में हुए प्रकरण के दौरान अनुशासनहीनता के आरोपी थे।