सरकारी वकील सुरजीत सिंह ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) की अदालत ने यहां नारायणगढ़ के रहने वाले दोषी पर 22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आदेश के मुताबिक, ‘पीड़िता ने बच्ची को जन्म दिया है। वह अपने साथ हुए अपराध की वजह से ढेर सारी मानसिक पीड़ा और दर्द से जूझ रही है।’
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, घटना के वक्त पीड़िता की उम्र 16 साल थी। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) की विभिन्न धाराओं के तहत नारायणगढ़ पुलिस थाने में 22 जुलाई 2022 को सौतेले पिता के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था।
एएसजे ने अपने आदेश में माना कि दोषी ने पीड़ित बच्ची का यौन उत्पीड़न किया था, जिसकी वजह से वह गर्भवती हो गई। एएसजे ने आदेश में कहा, पीड़िता के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की भरपाई नहीं की जा सकती।
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अदालत ने कहा कि पीड़िता को सात लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, जिसमें से 50 फीसदी राशि लड़की को दी जाए और बाकी बची राशि इस अपराध के परिणामस्वरूप जन्मी बच्ची के नाम पर सावधि जमा की जानी चाहिए।
आदेश के मुताबिक, मुआवजा राशि के भुगतान के लिए मामले को अंबाला के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पास भेज दिया गया है। आदेश में कहा गया, ‘समाज को एक सख्त और अलग संदेश देना होगा कि इस तरह के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून के मुताबिक उनके साथ सख्ती से निपटा जाएगा।’
Haryana, हरियाणा के अंबाला में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसपर फैसला देते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 65 वर्षीय व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई। आरोप है कि व्यक्ति ने अपनी नाबालिग सौतेली बेटी के साथ बार-बार दुष्कर्म कर उसे गर्भवती कर दिया था।