हरियाणा सरकार ने जमीन बंटवारे से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए नया कानून लागू किया है। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हरियाणा भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक 2025 पारित किया गया, जिससे प्रदेश के लाखों लोगों को राहत मिलेगी।
नए कानून के तहत क्या होगा बदलाव?
- पति-पत्नी को छोड़कर खून के रिश्ते में साझी जमीन का बंटवारा होगा।
- यदि सह-स्वामियों के बीच सहमति नहीं बनती, तो सहायक कलेक्टर और तहसीलदार को 6 महीने के भीतर विवाद का निपटारा करना होगा।
- इस कानून से लगभग 1 लाख पुराने केस निपटने की उम्मीद है, जो अदालतों में लंबित हैं।
लाखों किसानों को मिलेगा लाभ
प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि इस कानून से करीब 14-15 लाख किसानों को राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इसकी जानकारी साझा की।
पुराने कानून में क्या था?
- पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकार के कार्यकाल में संयुक्त भू-स्वामियों के बंटवारे के लिए धारा-111क जोड़ी गई थी।
- लेकिन इसमें खून के रिश्ते और पति-पत्नी के विवादों को शामिल नहीं किया गया था।
- इसके कारण खून के रिश्ते वालों के बीच जमीन विवाद बढ़ने लगे।
अब कैसे होगा बंटवारा?
- आवेदन प्रक्रिया – यदि कोई सह-स्वामी अपनी जमीन का बंटवारा चाहता है, तो उसे राजस्व अधिकारी के पास आवेदन करना होगा।
- नोटिस जारी – सभी संयुक्त भू-मालिकों (पति-पत्नी को छोड़कर) को सहायक कलेक्टर एवं तहसीलदार द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा।
- आपसी सहमति –
- यदि सभी सहमति से बंटवारा कर लेते हैं, तो धारा 111-क (3) के तहत भूमि विभाजन का इंतकाल धारा-123 के अनुसार किया जाएगा।
- अगर सहमति नहीं बनती, तो 6 महीने के अंदर कोर्ट के जरिए फैसला होगा।
क्या मिलेगा फायदा?
✅ गांवों में जमीन विवाद कम होंगे
✅ लंबित मुकदमों का तेजी से निपटारा होगा
✅ किसानों और भू-स्वामियों को राहत मिलेगी
हरियाणा सरकार का यह कदम राजस्व विवादों के शीघ्र समाधान और किसानों के हित में बड़ा सुधार माना जा रहा है।