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जींद की रैली में क्या गलती कर गए ओपी चौटाला

Honor Day Jind Rally on 108th Birthday of Tau Devi Lal of INLD LIVE

जींद, डॉ अनुज नरवाल रोहतकी, अलख हरियाणा डॉट कॉम || जींद की रैली का जिस ढंग से इनेलो (INLD) प्रचार प्रसार कर रही थी ऐसा कुछ भी इस रैली में नजर नहीं आया। या ये कहे कि इनेलो ऐसा करने से चुक गई। बीजेपी नेता बीरेंद्र सिंह (BJP leader Birender Singh)के अलावा कुछ भी इस रैली में चौकाने वाला नहीं दिखा ।

https://www.youtube.com/watch?v=j4ASsXQApUE

सब को इन्तजार इनेलो सुप्रीमों ओप्रकाश चौटाला (INLD supremo Oprakash Chautala) के भाषण का था, जिनके मुंह से उनके चाहने वाले कुछ ऐसा सुनना चाहते थे कि जिससे इनेलो की खिसकी हुई जमीन वापस लाई जा सके । लेकिन उनको भी मायूसी ही मिली । ओमप्रकाश चौटाला के हौसले से लबरेज भाषण तो आपने पहले भी सुने होंगे , लेकिन जींद में पहली दफा ओपी चौटाला थके हुए नजर आये। लगभग 15 मिनट के अपने भाषण में वे लगभग 20 बार राज, चुनाव और सरकार बनाने के इर्दगिर्द भाषण देते दिखाई दिए । बातों की पुरावर्ती ने तो उनकी भाषण शैली पर ही सवालिया निशान उठा दिए

ओपी चौटाला ने बाहर से बुलाये मेहमानों का जिक्र तक अपने भाषण में नहीं किया। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला अपने भाषण में एक ऐतिहासिक तथ्य एक दफा ठीक तो दूसरी दफा गलत बता गए। ओपी चौटाला ने बिहार के चंपारण किसान आंदोलन (अप्रैल 1917 ) (Champaran Peasant Movement (April 1917) और चंपारण के किसान आन्दोलन के बाद 1918 ई. के खेड़ा (गुजरात) किसान आंदोलन (Kheda (Gujarat) Peasant Movement of 1918) को जींद का आंदोलन बता दिया।

हरियाणा सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चौटाला 86 बरस के हो चले हैं उनके भाषणों के प्रशंसक उनके विरोधी भी रहे हैं लेकिन जींद में पहली दफा उनका भाषण इतना थका हुआ , इतना उबाऊ और बिना संदेश देने वाला रहा। जो रैली इनेलो के भविष्य को तय करने वाली मानी जा रही थी उस रैली में ऐसा भाषण वाकई इनेलो के सियासी भविष्य के लिए सही नहीं माना जा सकता है।

https://www.youtube.com/watch?v=o1KjZakQG9U

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