Yellow Watermelon, इटावा में एक महिला किसान मंत्रवती नए- नए फसलों की खेती कर खूब सूर्खीयों में है, पहले उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती की उसमें अच्छी कमाई होने के बाद ड्रैगन फ्रूट की खेती में हाथ आजमाया. उसमें में काफी फायदा हुआ.
जिसके बाद उन्होंने पीले तरबूज की खेती की जो अभी चर्चा का विषय बनी हुई है. इस खेती से भी उनकी अच्छी आमदनी बनी हुई है. मंत्रवती स्वयं सहायता समूह की सखी भी हैं जिससे उन्हें खेती के बारे में अच्छा आइडिया मिल जाता है. बताया जा रहा है कि बाजार में इस तरबूज की कीमत बाकी तरबूज से दोगुनी है.
मंत्रवती जैसी किसान महिला खुद के लिए आमदनी का स्रोत तो पैदा कर ही रही हैं, साथ ही कई महिलाओं को राह दिखाती है. मंत्रवती का कहना है कि उन्हें एनआरएलएम से जुड़कर प्रेरणा मिली.
आधा बीघा खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती करके बड़ा मुनाफा कमाया और यह क्षेत्र में चर्चा का विषय भी रहा. 10 हजार रुपये लागत खर्च करने के बाद उन्होंने 40 हजार रुपये की स्ट्रॉबेरी की बिक्री कर बड़े मुनाफे के साथ अपनी कमाई की. इससे खुश होकर उसी आधा बीघा खेत में पीले तरबूज की खेती कर दी. इसमें मात्र उन्होंने तीन सौ रुपये का बीज खरीद कर उसी खेत में बुवाई कर दी. उसके बाद खेतों में पीले तरबूज बड़ी संख्या में लगे हुए हैं.
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आपको बता दें कि इन तरबूजों की बाजार में सामान्य तरबूज से दोगुनी कीमत मिल रही है. यह सब देख कर क्षेत्र के किसान प्रेरित हो रहे हैं तो वहीं कई महिला किसान भी मंत्रवती से प्रेरणा ले रही हैं. ड्रैगन फ्रूट की खेती में फल तीन वर्ष बाद आते हैं और 25 वर्ष तक लगातार फलदाई पौधे होते हैं.
उसमें भी बड़ा मुनाफा होगा. परंपरागत खेती जैसे आलू, गेहूं आदि की होती है उससे अधिक मुनाफा इस आधुनिक खेती में हो रहा है. आधुनिक खेती में कम समय में अधिक लाभ लिया जा सकता है. मंत्रवती अब भविष्य में आने वाले मौसम में स्ट्रॉबेरी और पीले तरबूज की खेती बड़े क्षेत्रफल में करने जा रही हैं.