हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि 25 मई को छठे चरण के दौरान प्रदेश में हुए लोकसभा आम चुनाव 2024 की मतों की गणना 4 जून को होगी। ईटीपीबीएस व पोस्टल बैलेट की गणना एक अति महत्वपूर्ण पहलू है, इसलिए रिटर्निंग अधिकारियों को स्वयं इसे करना होगा। इसके लिए मतदान केंद्रों पर प्रर्याप्त संख्या में अच्छे स्कैनर की व्यवस्था की जाएगी। हर 10 स्कैनर पर एक सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा, मतगणना के हर टेबल पर अलग से सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति भी की गई है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रदेश के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर लोकसभा चुनावों की मतगणना को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
अग्रवाल ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी मतगणना केंद्रों पर उच्च गुणवत्ता वाली 100 एमबीपीएस (मेगा बाइट पर सेकेंड) की कम से कम 2 लीज लाइन की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रदेश में 10 लोकसभा क्षेत्रों तथा करनाल विधानसभा (21) उप चुनाव के लिए 44 स्थानों पर मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों में ईटीपीबीएस व पोस्टल बैलेट स्केनिंग के लिए 237 स्केनिंग टेबल लगाई जाएंगी। एक टेबल पर 500 पोस्टल बैलेट की गणना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मतगणना डयूटी में लगे कर्मचारियों का सेकंड रेंडमाइजेशन व प्रशिक्षण मतगणना तिथि से 24 घंटे पहले पूरा किया जाए। मतगणना के लिए एक सहायक रिटर्निंग अधिकारी, एक काउंटिंग सुपरवाइजर, 2 काउंटिंग सहायक तथा एक माइक्रो ऑब्जर्वर डयूटी पर रहेंगे।
प्रदेश में 1 लाख 11 हजार 58 हैं सर्विस मतदाता
अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में सर्विस मतदाताओं की कुल संख्या 1 लाख 11 हजार 58 है। इसके तहत सर्विस वोटर मतगणना ड्यूटी पर तैनात मतदाता व अन्य कर्मचारी तथा गैरहाजिर मतदाता की गणना की जाती है। इसलिए अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि पोस्टल बैलेट एक अति महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
बैरिकेटिंग लगाकर स्ट्रॉंग रूम से मतगणना हॉल में ले जाई जाएगी ईवीएम
उन्होंने कहा कि मतगणना केंद्र का पूर्णतः नियंत्रण सहायक रिटर्निंग अधिकारी के पास होता है । उनकी अनुमति के बिना कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति मतगणना केंद्र में प्रवेश नहीं कर सकता। उन्होंने निर्देश दिए कि ईवीएम व पोस्टल बैलेट की गणना की कोई भी व्यक्ति फोटो नहीं खींच सकता। स्ट्रॉंग रूम से जब ईवीएम मतगणना हॉल में ले जाई जाती है तो उसकी वीडियोग्राफी करवाई जाए और स्ट्रॉंग रूम से हॉल तक पूरी तरह बैरिकेटिंग हो। उम्मीदवार को भी इस बात की जानकारी होनी चाहिए और उसका चुनाव एजेंट या वे स्वयं इस प्रक्रिया को देख सकते हैं।