भिवानी, 17 सितंबर। जिले के यल्लो जोन के गांव (बलियाली, कुंगड़, सिवाना, मुंढाल खुर्द एंव चांग) के ऐसे किसानों, जिन्होंने सीआरएम स्कीम के तहत फसल अवशेष प्रबंधन हेतू कृषि यंत्रों के लिए सात सितंबर 2021 तक आवेदन किया गया था। उन सभी किसानों के आवेदन स्वीकृत कर लिए गए हैं। इन गांवों के किसान जिन्होंने कृषि यंत्रों के लिए पहले आवेदन नहीं किया था, अब वे इच्छुक किसान 25 सितंबर तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते हंै।
सहायक कृषि अभियन्ता नसीब सिंह धनखड़ ने ये जानकारी देते हुए बताया कि इन-सीटू क्रॉप रेजीडयू मैनेजमैंट स्कीम के तहत भिवानी जिले के यल्लो जोन के किसान जिन्होने फसल अवशेष प्रबंधन हेतू कृषि यंत्र के लिए सात सितंबर तक एकल कृषि यंत्रो/कस्टम हायरीगं सैन्टर स्थापित करने के लिए आनॅलाईन आवेदन किया था, उन सभी के आवेदन स्वीकार कर लिए गए हैं। इन गांव के किसान कृषि विभाग के पोर्टल डब्लूडब्लूडब्लूडॉटएग्रीहरियाणासीआएमडॉटकॉम पर उपलब्ध अधिकृत निर्माता/डीलर की सूची में से अपनी मनपसंद निर्माता/डीलर से कृषि यंत्र खरीद कर निर्माता/डीलर के माध्यम से बिल, ई-वे बिल, मशीन के साथ किसान का फोटो व फसल अवशेष न जलाने बारे घोषणा पत्र 25 सितंबर तक आनॅलाइन अपलोड करवाएं। यल्लो जोन के गांव (बलियाली, कुंगड़, सिवाना, मुण्ढाल खुर्द एंव चांग) के जो किसान फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यन्त्र के लिए सात सितंबर 2021 तक आवेदन नही कर पाए, वे किसान अब 25 सितंबर 2021 तक आनॅलाइन कृषि विभाग के पोर्टल पर आवेदन कर सकते हंै। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति के किसान भी इस स्कीम के तहत एकल कृषि यंत्रो/कस्टम हायरीगं सैन्टर स्थापित करने हेतू आनॅलाईन आवेदन कर सकते हैं।
उप कृषि निदेशक डॉ. आत्माराम गोदारा ने बताया कि भिवानी जिले के जो किसान स्ट्राबेलर से बेल बनाकर पराली प्रबंधन करना चाहते हंै उनको सरकार द्वारा एक हजार रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान का प्रावधान है। इच्छुक किसान कृषि विभाग के पोर्टल पर पराली की गांठ के उचित निस्पादन हेतू पंजीकरण कर सकता है।