Haryana, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने दिल्ली में संसद रत्न पुरस्कारों के 13वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि समय आ गया है कि प्रत्येक सांसद यह महसूस करे कि संसद सर्वोच्च है। यह देश के भविष्य और नियति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
दत्तात्रेय ने यह भी कहा कि संसद की कार्यवाही अत्यंत शालीनता और गरिमा के साथ संचालित की जानी चाहिए और यह सदस्यों के हाथ में है।
उन्होंने कहा, एक सांसद की साख उन लोगों के लिए ‘त्रुटिहीन’ होनी चाहिए, जिन्होंने उन्हें चुना है, ताकि उनमें पूर्ण विश्वास हो कि वे न केवल क्षेत्रीय, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उनके लिए काम करते हैं।
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इस कार्यक्रम में वह मुख्य अतिथि भी थे, दोनों सदनों के 14 सांसदों को पुरस्कार प्रदान किए और दो स्थायी समिति के अध्यक्षों ने भी कहा कि वह अब लोकसभा में प्रवेश करने वाले सांसदों की गुणवत्ता से खुश हैं और राज्यसभा न केवल बहुत उच्च क्षमता वाली है, बल्कि इसके सदस्य उच्च शिक्षित होते हैं।
संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने अभिनंदन भाषण में सभी सांसदों को उनके कामकाज के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक युवाओं को आगे आना चाहिए और निवारण के लिए सरकार के समक्ष लोगों और उनकी समस्याओं का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।