चंडीगढ़। प्रदेश में पंचायती चुनाव मामले की हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई अब 30 नवंबर को होगी। इस साल पंचायत चुनाव न होने के आसार बन गए हैं।प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो चुका है। अब उनके स्थान पर प्रशासक लगाए गए हैं। जो विकास कार्यों व अन्य कामों को करवा रहे हैं। अब नए प्रत्याशी चुनावों होने का इंतजार कर रहे हैं।
प्रदेश में 22 जिला परिषद, 142 पंचायत समिति और 6305 पंचायतों में सरपंच-पंच पदों पर चुनाव होने हैं। सरकार ने कोर्ट में कहा कि सरकार प्रदेश में इलेक्शन करवाने के लिए तैयार है। अदालत उन्हें आदेश दे, क्योंकि पंचायती राज एक्ट के दूसरे संशोधन के तहत कुछ प्रावधानों में बदलाव किया था। जिन्हें कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले में तरह याचिकाएं दर्ज हो चुकी हैं।
गौरतलब है कि 15 अप्रैल को दाखिल मुख्य केस में याचिकाकर्ता ने कहा कि चुनाव पुराने नियमों के तहत करवाए जाने चाहिए, क्योंकि नए प्रावधान में आठ फीसदी सीटें बीसी-ए वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं। यह तय किया गया कि न्यूनतम सीटें 2 से कम नहीं होनी चाहिए। यह संभव नहीं हैं। जिला परिषद में छह जिले ही इस नियम पर खरे उतरते हैं। बाकी जिलों में एक सीट अतिरिक्त जाएगी। इससे आरक्षण बिगड़ रहा है। जो सरकार की मनमानी जाहिर होती है।