किरण चौधरी ने जयप्रकाश के बयान परिवार का वारिस केवल एक पुरुष ही हो सकता है, महिला नहीं.. पर जवाब देते हुए कहा कि यह एक बयान नहीं बल्कि हमारी सभ्यता और नारी शक्ति का घोर अपमान है।क्या वे भूल गए हैं कि इस देश को इंदिरा गांधी जैसी मजबूत नेतृत्वकर्ता मिली थीं? क्या उन्हें ये भी याद नहीं है कि सोनिया गांधी जी ने भी राजीव गांधी जी के बाद उनके उतराधिकारी के रूप में कोंग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाया।इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा जी ने “लड़की हूं लड़ सकती हूं” जैसे संकल्पों से नारी शक्ति को मजबूती प्रदान की।इस तरह की पितृसत्तात्मक मानसिकता हमारे समाज की प्रगतिशील सोच और महिलाओं के संघर्ष का अनादर करती है।
इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए, हम सभी से अपील करते हैं कि वे इस भेदभावपूर्ण सोच का विरोध करें और महिलाओं के सम्मान और अधिकारों के लिए खड़े हों।कांग्रेस सांसद बताएंगे की कैसे नेहरू जी के बाद कैसे इंदिरा गांधी जी उनकी विरासत की उतराधिकारी हो गई.?राजीव गांधी जी के बाद कैसे सोनिया जी उनकी विरासत की उतराधिकारी हो गई। इस बयान से कांग्रेस पार्टी की मनोदशा का पता चलता है की कांग्रेस पार्टी महिला विरोधी पार्टी है।