हरियाणा । हरियाणा में रोहतक PGI ने ब्रेन स्ट्रोक या लकवा मरीजों को बड़ी राहत भरी खबर दी है। जानकरी के अनुसार पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के आपातकाल विभाग में आने वाले ब्रेन स्ट्रोक और लकवे के मरीजों के लिए राहत की खबर है।अब मरीजों को महंगे इंजेक्शन के लिए दर -बदर भटकना नहीं पड़ेगा बल्कि अब उनको महंगे इंजेक्शन टेनेक्टेप्लास पीजीआईएमएस मुफ्त में ही उपलब्ध कराएगा।। सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और इस इंजेक्शन को खरीद नहीं पाते। लेकिन अब मरीजों को 4 से 6 घंटे के अंदर ही इस इंजेक्शन की सुविधा मिल जाएगी।
पीजीआईएमएस में उपलब्ध होने वाले इस इंजेक्शन के बारे में न्यूरोलॉजी विभाग अध्यक्ष डॉ. सुरेखा डाबला ने बताया कि जब भी कोई ब्रेन स्ट्रोक या लकवे का मरीज आपातकालीन विभाग में पहुंचता है तो उसे 4 से 6 घंटे के अंदर एक इंजेक्शन लगाना होता है। इंजेक्शन की बाजार में कीमत करीब 35 हजार रुपये तक होती है। अभी तक यह इंजेक्शन मरीज को बाहर को ही खरीदना पड़ता था, क्योंकि यह सप्लाई में नहीं आ पा रहा था। इसके चलते मरीजों को आर्थिक नुकसान पहुंच रहा था। डॉ. डाबला ने बताया कि अब कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना व निदेशक डॉ. एसएस लोहचब के प्रयासों से यह इंजेक्शन संस्थान में उपलब्ध हो गया है।डॉ.सुरेखा डाबला ने आम जनता से अपील की है कि लकवाग्रस्त मरीजों को छह घंटे के अंदर इंजेक्शन लगवाना जरूरी है.इसलिए उन्हें नीम हकीम के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए और तुरंत पीजीआई के आपातकालीन विभाग में पहुंचकर मरीज की जांच करानी चाहिए ताकि मरीज को समय पर इलाज मिल सके और वह ठीक हो सके।
डॉ. लोहचब ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि संस्थान में आने वाले हर मरीज को उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि हमें इस सुविधा का लाभ उठाते हुए लकवा के मरीज को तुरंत पीजीआईएमएस के आपातकालीन विभाग में लाना चाहिए।
डॉ. सुरेखा डाबला ने बताया कि संस्थान में कई बार एक माह में करीब 10 से 15 मरीज तक ब्रेन स्ट्रोक के आ जाते हैं। जैसे ही मरीज आपातकाल विभाग में पहुंचता है तो तुरंत चिकित्सक उसका सीटी स्कैन या एमआरआई कराता है, जिससे पता चलता है कि मरीज के अंदर रक्तस्राव हो रहा है या नस ब्लॉक हो गई है। यदि मरीज की नस ब्लॉक होती है तो आपातकाल विभाग में तैनात मेडिसिन विभाग का चिकित्सक तुरंत न्यूरोलॉजी विभाग के आईसीयू में संपर्क कर मरीज को वहां पर रेफर करेगा। उन्होंने बताया कि न्यूरोलॉजी विभाग के आईसीयू में तैनात चिकित्सक स्कोरिंग करके मरीज को 6 घंटे के अंदर यह इंजेक्शन टेनेक्टेप्लास लगा देगा, जिससे स्ट्रोक आगे नहीं बढ़ेगा और धीरे-धीरे वह ठीक होता चला जाएगा।