सिरसा | 12 अप्रैल 2025 हरियाणा सरकार की परिवार पहचान पत्र (PPP) योजना का उद्देश्य नागरिकों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना और प्रशासनिक पारदर्शिता लाना था, लेकिन अब यह योजना खुद सवालों के घेरे में है। सिरसा जिले के सुल्तानपुरिया गांव के एक परिवार के साथ जो हुआ, उसने न केवल सिस्टम पर अविश्वास खड़ा किया बल्कि एक छात्र और उसके पूरे परिवार को मानसिक तनाव में डाल दिया।
16 वर्षीय सौरभ, जो वर्तमान में 12वीं कक्षा का छात्र है, उसे सरकारी रिकॉर्ड में शादीशुदा और किसी अज्ञात लड़की अमीना का पति दिखा दिया गया है। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि उसके पिता हवा सिंह को रिकॉर्ड में सौरभ का बेटा दर्शाया गया है।
📄 दो साल से दफ्तरों के चक्कर
हवा सिंह का कहना है कि वे दो साल से प्रशासनिक कार्यालयों, सीएम कार्यालय, और समाधान शिविरों के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने बताया कि बैंक खाते में भी अमीना को सौरभ की नॉमिनी बना दिया गया है, जिससे संभावित वित्तीय खतरा बढ़ गया है।
“सरकार अब हमसे उस लड़की का मृत्यु प्रमाण पत्र या तलाक का सर्टिफिकेट मांग रही है — जिसे हमने कभी देखा ही नहीं,” — हवा सिंह, पीड़ित पिता
⚠️ गड़बड़ियों की फेहरिस्त
यह मामला सिर्फ शादी या रिश्ते की गड़बड़ी तक सीमित नहीं है। सौरभ को परिवार का मुखिया और हवा सिंह को उनका बेटा बताया गया है। इस त्रुटिपूर्ण डेटा की वजह से सरकारी योजनाओं में दिक्कतें आ रही हैं और सामाजिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है।
🛑 समाधान शिविर भी बने निरर्थक
सरकार द्वारा हाल ही में आयोजित समाधान शिविरों में भी इस परिवार को राहत नहीं मिली। शिकायतें तो दर्ज की गईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
🗣️ प्रशासन ने मानी गलती, दिया भरोसा
सिरसा के एडीसी सुभाष चंद्र ने माना कि ऐसी कई शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इन त्रुटियों को प्राथमिकता पर सुधारने के निर्देश दिए हैं और यह भी कहा कि दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
🔍 तकनीकी गलती या मानवीय लापरवाही?
विशेषज्ञों का कहना है कि डेटा एंट्री में पारदर्शिता और क्रॉस वेरिफिकेशन की कमी है। जनसेवा केंद्रों पर बैठे ऑपरेटर अक्सर जानकारी बिना जांच के दर्ज कर देते हैं, जिससे आम लोग परेशान होते हैं और सुधार की प्रक्रिया बेहद कठिन हो जाती है।
🌐 राज्यव्यापी समस्या बनती जा रही PPP योजना
सौरभ का मामला कोई अकेला मामला नहीं है। पूरे हरियाणा से इस तरह की गलतियों की खबरें रोज़ सामने आ रही हैं — किसी की उम्र गलत है, किसी की मौत दिखा दी गई है, किसी की नॉमिनी बदली गई है।
🙏 न्याय की आस
हवा सिंह और उनका परिवार अब भी सरकार से सही पहचान बहाल करने और न्याय मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि तकनीक तब तक उपयोगी नहीं, जब तक उसे जिम्मेदारी से न चलाया जाए।
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