विश्व भर के राजनैतिक चिंतक भारत के प्राचीन साहित्य से प्रभावित होकर भूपेंदर सिंह हुडा के राजनितिक सलाहकार रहे प्रोफ़ेसर वीरेंद्र ने पीएचडी के गहन शोध पर आधारित ‘ प्राचीन भारत में राजनीती ‘ पुस्तक गहन अध्ययन को प्रदर्शित करती है। यह पुस्तक छह अध्यायों में विभक्त की गई है – जो भारत में प्राचीन समय के राजनीतिक उद्भव, विकास, और प्रसार की एक गहन चिंतनशील यात्रा है। लेखक ने अपने शोध के माध्यम से प्राचीन भारत में राजनीति की वैदिक काल से लेकर कौटिल्य के अर्थशास्त्र तक इतने महीन ढंग से वर्णित किया है कि पाठक प्रथम अध्याय से लेकर छठवें अध्याय तक राज्य की उत्पत्ति, राजा की नियुक्ति, राज्य व्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था, न्यायिक व्यवस्था, और कालांतर में आर्थिक व्यवस्था के विकास के विभिन्न पड़ावों का ज्ञान प्राप्त कर सकें। लेखक ने उपरोक्त पुस्तक में वेद – वेदांग, षडदर्शन, पुराण साहित्य संहिताओं, स्मृतियों, ब्राह्मण ग्रंथों, आरण्यक, और उपनिषद साहित्य, रामायण, महाभारत, लोक साहित्यक नाटक, कथा, और महाकाव्यों, व अनेकों धर्म ग्रंथों पर अन्य महान लोगों के लेखन और शोध का अत्यंत विस्तारपूर्ण अध्ययन किया है।
पुस्तक के अध्ययन से ज्ञात होता है कि वर्तमान में प्रजातांत्रिक व्यवस्था का मूल स्वरूप प्राचीन भारत का राजनीतिक ढांचा है। विश्व भर के राजनैतिक चिंतक भारत के प्राचीन साहित्य से प्रभावित होकर ही वर्तमान में लोकतंत्र के सिद्धांतों को प्रतिपादित करने में सफल हुए हैं। लेखक संस्कृत और हिन्दी भाषाओं के विद्वान हैं – इसलिए पुस्तक का लेखन उच्च कोटि के भाषायी लेखन का प्रतीक है। संस्कृत और हिन्दी के कठिन शब्दों के प्रयोग के कारण यह पुस्तक साधारण जनमानस के अध्ययन के लिए कठिन प्रतीत होती है।
लेकिन राजनीति में शोध और राजनीतिक ज्ञान के जिज्ञासुओं के लिए यह पुस्तक ज्ञान का स्रोत है। किसी भी देश की व्यवस्था को समझने और उसके संचालन के लिए राजनीति का ज्ञान होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्तमान के अध्ययन के लिए उसके मूल की खोज करना होगा। अतएव, प्रोफ़ेसर वीरेंद्र की “प्राचीन भारत में राजनीति” नामक पुस्तक एक समग्र ज्ञानवर्धक स्रोत है जिसका प्रत्येक शोधार्थी और अध्ययनशील व्यक्ति को अध्ययन करना चाहिए। उच्च स्तरीय लेखन की समीक्षा बहुत ही कठिन कार्य है, और वो भी उसे ऐसे व्यक्ति का लेखन जिसने गहरा अध्ययन किया हो – तो सीमित पृष्ठों में निश्चित रूप से असंभव होता है। इसलिए यह लेख पुस्तक की समीक्षा नहीं, केवल पुस्तक का परिचय है।
लेखक: डॉ. (प्रो.) वीरेंद्र
पुस्तक: प्राचीन भारत में राजनीति
प्रकाशक: अभिषेक प्रकाशन, सी- 30 द्वितीय तल, न्यू मोतीनगर, नई दिल्ली-11005
संस्करण: 2017
मूल्य: ₹1200
पुस्तक समीक्षक -डॉ. जोगेंद्र मोर
सहायक प्रोफ़ेसर
विधि
छोटूराम विधि संस्थान
जाट संस्था रोहतक