अलखहरियाणा डेस्क |
हरियाणा के सीने से उठी एक नई आवाज़, जिसने देश और समाज को फिर से याद दिलाया — “जाट न कोई जात, जाट मजहब नहीं कोई!”। अलख स्टूडियो द्वारा प्रस्तुत “Vohe Kahave Jaat!” नामक यह गीत केवल एक एंथम नहीं, बल्कि हरियाणवी अस्मिता, जाट गौरव और जनसेवा की परंपरा का एक जीवंत घोष है।
गीत का सार: खेतों से बॉर्डर तक — जाट की पहचान
यह एंथम हर उस किसान, सैनिक और श्रमिक को समर्पित है जो न केवल अपने परिवार के लिए, बल्कि राष्ट्र के लिए जीता-मरता है। गीत के बोलों में न सिर्फ़ जाट समाज की बहादुरी और मेहनत की परंपरा को उकेरा गया है, बल्कि हरियाणा की उस जड़ से जुड़ी सादगी, ईमानदारी और निडरता को भी सामने लाया गया है जो इसे बाकियों से अलग बनाती है।
🎤 गीत की रचना और निर्माण
-
गायक व संगीतकार: SS Brothers
-
गीतकार: डॉ. अनुज नरवाल रोहतकी (A.N. Rohtaki)
-
लेबल: Alakh Studio & Alakh Media
-
लोकेशन: यमुनानगर, हरियाणा
गीत का शुरुआती लाइन — “जाट मजहब नहीं कोई, जाट न कोई जात!” — सुनते ही दिल में जोश और गर्व की लहर दौड़ जाती है। पूरे गीत में सामाजिक समरसता, देशभक्ति और मेहनतकश जीवनशैली की एक गूंज सुनाई देती है।
🎬 वीडियो की भव्यता और संस्कृति की झलक
इस एंथम का वीडियो हरियाणवी ग्रामीण परिवेश, अखाड़े, खेत-खलिहान, और सीमा पर तैनात सपूतों की छवियों को दर्शाता है। दृश्य और संगीत का समन्वय इतना प्रभावशाली है कि यह सिर्फ़ हरियाणा में ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी वायरल हो रहा है।
गीत के प्रमुख अंश जो दिल को छू जाते हैं:
-
“हीणे बाबत गाम तै लड़ज्या, सच बाबत जो राम तै लड़ज्या…”
-
“छाती पै जो गोली खा लै, माटी म्ह जो खुद ने रळा लै…”
-
“जुबान जै एकबे किसै तै करज्या, फेर जो सुणे ना अपनी भी बात — वोहे कहावे जाट!”
🎤 डॉ. अनुज नरवाल का दृष्टिकोण:
गीत के रचयिता और अलख स्टूडियो के संपादकीय सलाहकार डॉ. अनुज नरवाल रोहतकी ने बताया कि यह गीत केवल जाट समाज नहीं, बल्कि हर मेहनतकश वर्ग की आवाज़ है। “जाट केवल जात नहीं, एक सोच है — जो देश और समाज के लिए खप जाने को तैयार है।”
💬 सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया:
गीत रिलीज़ के 18 घंटे के भीतर 160+ व्यूज़ और कई सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल चुकी हैं। युवाओं ने इसे “हरियाणा का प्राइड एंथम” करार दिया है, जबकि बुज़ुर्गों ने इसे “अपने संस्कारों की फिर से गूंज” बताया।
🔗 देखें वीडियो:
👉 Vohe Kahave Jaat – Watch Now on YouTube
🎶 Intro Hook
जाट मज़हब नहीं कोई, जाट न कोई जात,
देश की बाबत मरज्या खपज्या,
वोहे कहावे जाट, वोहे कहावे जाट!
🧨 Verse 1
हीणे बाबत गाम तै लड़ज्या,
सच बाबत जो राम तै लड़ज्या।
हीणे बाबत गाम तै लड़ज्या,
सच बाबत जो राम तै लड़ज्या।
जुबान जै एकबे किसै तै करज्या,
फैर जो सुणे ना अपणी भी बात —
वोहे कहवावे जाट, वोहे कहवावे जाट!
🎶 Hook (Flow)
जाट मजहब ना कोई, जाट न कोई जात,
देश की बाबत मर ज्या, खप ज्या —
वोहे कहावे जाट, वोहे कहावे जाट!
सीना चौड़ा, दिल साफ,
मेहनत पै राखे बिश्वास,
जाट की सै या पहचान —
जाट तै सबने आस!
💪 Verse 2
सबके दुःख नै अपणा मान्य,
सारे जग नै अपणा जाणे।
सबके दुःख नै अपणा मानै,
सारे जग नै अपणा जाणे।
सादा खाणा, सादा पहनणा,
हो जिसकी सीधी सादी बात —
वोहे कहावे जाट, वोहे कहावे जाट!
छाती पै जो गोळी खा लै,
माटी म्ह जो खुद ने रळा लै।
छाती पै जो गोळी खा लै,
माटी म्ह जो खुद ने रळा लै।
खुद तै पहल्या, और नै संभालै,
मेहनत में राखै बिश्वास —
वोहे कहावे जाट, वोहे कहावे जाट!
🥁 Bridge Rap (Fast-paced Haryanvi)
दुनिया बोले — सोला दूणी आठ,
लेकिन खेळा मह मैडल लावै जाट।
देश की बाबत गोळी खावे जाट,
अन्नदाता बण, माटी म्ह माटी हो जावै जाट।
म्हारा खण्डवा, म्हारा हुक्का,
बॉक्सिंग रिंग में चलावै मुक्का।
दुश्मन हो ज्या चित,
जब लट्ठ घुमावे जाट!
🎶 Hook (Repeat)
जाट मज़हब नहीं कोई, जाट न कोई जात,
देश की बाबत मरज्या खपज्या,
सीना चौड़ा, दिल साफ, मेहनत पै राखे बिश्वास,
जाट की सै या पहचान, जाट तै सबने आस!
❤️ Verse 3
“अनुज” गंड्डा ना दे — भैली दे दे,
प्यार में अपणी हवेली दे दे।
जबान तै बेशक कड़वा लागै,
दिल का हो जो जमा साफ़ —
वोहे कहावे जाट, वोहे कहावे जाट!
🔥 Outro Line (Last Bar – Mic Drop!)
छाती पै जो गोळी खा लै,
माटी म्ह जो खुद ने रळा लै।
खुद तै पहल्या और नै संभालै,
मेहनत में राखै बिश्वास — वोहे कहावे जाट!