हरियाणा में अपराध का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ रहा है। कभी गैंगवार, कभी नशे का जाल, और अब शिक्षकों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं। महज कुछ दिनों पहले एक योगा टीचर की हत्या ने राज्य को झकझोर कर रख दिया था, और अब एक और शिक्षक—इस बार एक गणित अध्यापक—इस बढ़ते अपराध का शिकार बन गया है।
घटना का स्थान: गोहाना के गांव कसांडी
गोहाना उपमंडल के गांव कसांडी में एक निजी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक संदीप की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। संदीप गणित पढ़ाते थे, और उनका जीवन बच्चों को शिक्षा देने और परिवार को संभालने में ही बीत रहा था। लेकिन किसे पता था कि कुछ दिन पहले दिए गए 35,000 रुपए में बचे महज 5,000 रुपए उनकी जान के दुश्मन बन जाएंगे?
पैसे का विवाद बना मौत की वजह
संदीप के परिजनों के अनुसार, गांव का ही एक युवक मोनू उर्फ धोला कुछ समय पहले संदीप से आर्थिक मदद मांगने आया था। संदीप ने अपना क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल कर उसे 35,000 रुपए दे दिए। मोनू ने उसमें से 30,000 रुपए लौटा दिए, लेकिन बाकी 5,000 रुपए को लेकर वह टालमटोल करता रहा।
संदीप ने जब कई बार उसे पैसे लौटाने को कहा, तो मोनू को यह बात नागवार गुज़री। एक साधारण-सी आर्थिक रंजिश, धीरे-धीरे हत्या की साजिश में बदल गई।
हमला जिम से लौटते वक्त हुआ
मंगलवार की शाम संदीप रोज़ की तरह जिम गया था। लेकिन जब वह वापस लौट रहा था, तब मोनू और उसके साथियों (करीब 7–8 युवक) ने सुनसान जगह पर उसे घेर लिया। लाठी-डंडों से उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। संदीप को गंभीर हालत में तुरंत खानपुर पीजीआई ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसने दम तोड़ दिया।
पुलिस की कार्रवाई और बयान
एसीपी ऋषिकांत ने मीडिया से बातचीत में बताया:
“कसांडी गांव निवासी संदीप की हत्या के पीछे अब तक की जांच में पैसे का लेन-देन ही मुख्य कारण सामने आया है। हमने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। जिन युवकों पर संदेह है, उनकी पहचान की जा चुकी है और बहुत जल्द उन्हें गिरफ़्तार किया जाएगा।”
परिवार की चीखें और गांव में सन्नाटा
संदीप के माता-पिता, पत्नी और दो छोटे बच्चों की आंखों से आंसू नहीं थम रहे। एक शिक्षक, जो दिनभर बच्चों को जोड़-घटाव सिखाता था, उसके अपने जीवन की गणना इतनी त्रासद साबित होगी, किसी ने नहीं सोचा था।
गांव में शोक की लहर है, और लोग इस क्रूरता पर स्तब्ध हैं।
“पढ़े-लिखे लोग भी अगर सुरक्षित नहीं, तो आम आदमी किसके भरोसे जिए?”—गांव के एक बुज़ुर्ग का सवाल है, जो शायद पूरे समाज का सवाल है।
क्या यह सिर्फ हत्या है? या समाज में फैलते अपराध का आईना?
यह मामला केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि शिक्षकों के प्रति गिरते सम्मान, छोटे आर्थिक विवादों में बढ़ती हिंसा, और ग्रामीण क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की कमजोरियों की चिंताजनक तस्वीर पेश करता है।
हरियाणा जैसे शिक्षित राज्य में अगर एक शिक्षक को पीट-पीट कर मार दिया जाए और कारण महज ₹5000 हों—तो यह न केवल कानून व्यवस्था के लिए सवाल है, बल्कि समाज की सोच और संवेदनशीलता पर भी एक गंभीर प्रश्नचिह्न है।