हरियाणा के जींद जिले के निर्जन गांव में मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात करीब 2 बजे दो सगे भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात को कार सवार बदमाशों ने अंजाम दिया, जो स्कॉर्पियो में सवार होकर आए थे और अंधाधुंध फायरिंग कर मौके से फरार हो गए।
मृतकों की पहचान – जमीन विवाद बना वजह
मृतकों की पहचान सतीश (44 वर्ष) और दिलबाग (50 वर्ष) के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, दोनों भाइयों का गांव के ही सुरेश, उसके बेटे मोहित और अन्य कुछ लोगों के साथ पुराना जमीनी विवाद चल रहा था, जो कोर्ट में भी विचाराधीन था।
झगड़े की भूमिका – दिन में भी हुई थी मारपीट
वारदात से कुछ घंटे पहले ही मंगलवार शाम को आरोपियों ने सतीश और दिलबाग से मारपीट की थी। इस बारे में परिजनों ने MLR कटवा कर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन पुलिस की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।
बदमाशों की घातक योजना – पहले बेटे पर हमला फिर हत्या
रात 2 बजे स्कॉर्पियो में सवार 6-7 बदमाश आए। सबसे पहले उन्होंने सतीश के बेटे मोहित पर फायरिंग की, जो किसी तरह जान बचाकर भाग निकला। इसके बाद आरोपी गोडाउन में घुसे, जहां सतीश और दिलबाग बैठे थे, और दोनों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं।
मोहित की आंखों देखी – “मेरे सामने पिता-चाचा को मार दिया गया”
मोहित ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहले भी कई बार आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। प्रशासन को शिकायतें देने के बावजूद न दीवार की सुरक्षा हुई, न ही पुलिस कार्रवाई। मंगलवार रात सब कुछ खत्म हो गया।
पुलिस की कार्रवाई – शव पोस्टमॉर्टम को भेजे, जांच जारी
घटना की सूचना मिलते ही सिविल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का जायजा लिया। दोनों शवों को जींद के सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। सदर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
परिजनों का ऐलान – ‘जब तक गिरफ्तारी नहीं, अंतिम संस्कार नहीं’
मृतकों के परिजनों का साफ कहना है कि जब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं होते, वे शव नहीं लेंगे और अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। गुस्साए ग्रामीणों और रिश्तेदारों की भीड़ अस्पताल और थाने पर जुट गई है, जिससे माहौल तनावपूर्ण है।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
इस दोहरी हत्या ने एक बार फिर हरियाणा में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समय रहते कार्रवाई न होने से दो जानें चली गईं। अब पूरा गांव और मृतकों का परिवार न्याय की मांग कर रहा है।
निष्कर्ष: सवाल उठता है – क्या अब भी जागेगा सिस्टम?
जहां एक ओर परिजन गम और गुस्से से टूट चुके हैं, वहीं दूसरी ओर आम जनता यह सोचने पर मजबूर है कि क्या समय रहते पुलिस प्रशासन की सतर्कता दो जिंदगियों को बचा सकती थी? अब निगाहें पुलिस पर हैं कि दोषियों को कब तक पकड़ा जाएगा।
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