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  • Sun. Dec 10th, 2023

भूलकर भी न करें छोटी दिवाली से बड़ी दिवाली तक ये 8 काम,वरना धन लक्ष्‍मी हो सकती हैं नाराज

दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्‍या के दिन मनाई जाती है। इस दिन को माता लक्ष्‍मी का प्राकट्य दिवस माना जाता है। मान्‍यता है कि दिवाली वाले दिन मां लक्ष्‍मी का सबके घरों में आगमन होता है, इसलिए लोग घर को बहुत खूबसूरती से सजाते हैं और रंगोली वगैरह बनाते हैं। दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी होती है। इस दिन घर की अच्‍छी तरह से साफ सफाई की जाती है, ताकि घर की गंदगी को साफ करके माता लक्ष्‍मी के आगमन की तैयारी की जा सके।

छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी इसलिए कहा जाता है क्‍योंकि इस दिन भगवान श्रीकृष्‍ण ने नरकासुर का वध किया था। इस कारण नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्‍ण का भी पूजन किया जाता है। शाम के समय यमराज पूजन होता है और यमदीप जलाया जाता है। इस साल नरक चतुर्दशी का त्‍योहार 11 नवंबर शनिवार को है और दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी।

इसलिए नरक चौदस से लेकर दिवाली तक कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए, वरना माता लक्ष्‍मी नाराज हो सकती हैं –

– छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली के दिन देर से सोकर न उठें। इन दिनों में माता लक्ष्‍मी के आगमन की तैयारियां की जाती हैं। माता लक्ष्‍मी जिस पर प्रसन्‍न हो जाएं, उसके जीवन में धन-धान्‍य आदि किसी चीज की कभी कमी नहीं होती। देर तक सोना दरिद्रता की निशानी है।

— इस दिन झगड़ा नहीं करना चाहिए और न ही किसी को अपशब्‍द कहने चाहिए। इससे लक्ष्‍मी नाराज होती हैं। शास्‍त्रों में भी बताया गया है कि लक्ष्‍मी वहीं निवास करती हैं, जहां बड़ों और महिलाओं का सम्‍मान होता है, परिवार के लोगों के बीच प्रेम होता है।

– नरक चतुर्दशी से लेकर दिवाली तक अपने घर को खाली छोड़कर नहीं जाना चाहिए। अगर बहुत जरूरी हो, तो भी घर में कोई एक सदस्‍य जरूर रुके. ताला न लगाएं. इसे शुभ नहीं माना जाता। इससे परिवार की सुख समृद्धि प्रभावित होती है।

– दिवाली के इन दो दिनों में किसी को भी पैसा न उधार दें और न ही किसी से पैसा उधार लें। पैसे की लेन देन दीपावली के दिन करना दरिद्रता की निशानी होती है।

– किसी भी तरह का कबाड़ अगर घर में है, या छत पर पड़ा है, टूटी-फूटी चीजें घर में हैं तो उन्हें नरक चतुर्दशी के दिन घर में नहीं रखना चाहिए। बाहर निकालकर फेंक दें। दिवाली वाले दिन घर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाएं और फूलों व रंगों से सजाएं, तब लक्ष्‍मी माता का स्‍वागत करें. कबाड़ और टूटी-फूटी चीजों को दरिद्रता की निशानी माना जाता है।

– झाड़ू को लक्ष्‍मी का स्‍वरूप कहा गया है, क्‍योंकि ये घर की गंदगी को दूर करती है और गंदगी को दरिद्रता से संबन्धित माना गया है। इसलिए इस दिन झाड़ू में पैर न लगाएं। ऐसा करना लक्ष्‍मी को नाराज करने जैसा है।

– दिवाली के मौके पर नॉनवेज को खाने से बचना चाहिए और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अन्‍न का अनादर नहीं करना चाहिए. इससे आपके घर की संपन्‍नता पर असर पड़ता है।

 

– दिवाली के दोनों दिनों में तेल का दान नहीं करना चाहिए। इस दिन तेल का दीपक जलाया जाता है। इसके अलावा नरक चतुर्दशी के दिन दक्षिण दिशा में गंदगी न डालें। ये दिशा यमराज और पितरों की दिशा मानी गई है। इस दिशा में दीपक जलाया जाता है।

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