गुरुग्राम | 11 अप्रैल 2025
गुरुग्राम में पराठे के स्वाद ने चार पुलिसकर्मियों की ईमानदारी की पोल खोल दी। सेक्टर-18 इलाके में एक गरीब पराठा विक्रेता से मुफ्त खाना और मंथली वसूलने के मामले में पुलिस के चार जवानों को रंगे हाथ पकड़कर गिरफ्तार कर लिया गया। अब यह मामला सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय गलियों तक चर्चा में है।
🍳 “फरवरी से शुरू हुई पराठा-पॉलिटिक्स!”
बिहार के दरभंगा निवासी गुलाब सिंह साहू, गुरुग्राम की सड़कों पर चाय-पराठा बेचकर पेट पालता है। सेक्टर-18 के सामने झोपड़ी में बनाई गई उसकी छोटी सी रेहड़ी धीरे-धीरे मशहूर हो गई। लेकिन उसकी किस्मत तब पलटी जब कुछ वर्दीधारी ग्राहक बार-बार आने लगे — ना पैसे दिए, ना शर्म, बस मांगते रहे “फ्री पराठे”।
फरवरी में एक हवलदार पहली बार आया और कहा, “या तो रेहड़ी समेट ले या 5000 रुपए दे।” डर के मारे गुलाब ने पैसे दे दिए। फिर तो मंथली का सिलसिला चल निकला। ईआरवी ड्यूटी पर तैनात दो सिपाही भी आने लगे — 1500-1500 रुपए हर महीने। इसके बाद एक एएसआई तो 10,000 रुपये तक मांगने लगा!
🎥 CCTV में कैद हुआ ‘पराठा फॉर प्रोटेक्शन’ घोटाला
जब हद हो गई, तो गुलाब सिंह ने हिम्मत दिखाई और आला अधिकारियों से शिकायत कर दी। तुरंत एक स्पेशल टीम बनाई गई और रेहड़ी के आसपास CCTV कैमरे लगाए गए। कुछ ही दिनों में कैमरे में सब रिकॉर्ड हो गया — वर्दी वाले मंथली लेते दिखे और धर लिए गए।
गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने कहा कि सभी आरोपी पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जाएगी।
⚠️ नोटबंदी से नहीं, नोट-भोजन नीति से पकड़े गए!
इस अनोखे घोटाले ने दिखा दिया कि रिश्वतखोरी के लिए बहाने कुछ भी हो सकते हैं — यहां तो “पराठा” ही रिश्वत बन गया!
#GurugramNews #PoliceBribe #ParathaScandal #HaryanaCrime #FreeFoodBribe #ViralNews #DesiCorruption #PoliceCaughtOnCamera #MunchForMoney #GurgaonCrime