Alakh Haryana News हरियाणा सरकार ने कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए 500 क्रेच सेंटर खोलने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ने 32.15 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में स्टेट लेवल क्रेच पॉलिसी को लागू किया गया है। इस पॉलिसी के तहत शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी क्रेच सेंटर खोले जाएंगे।
हरियाणा बना क्रेच नीति लागू करने वाला पहला राज्य
हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग ने 21 जुलाई 2023 को क्रेच पॉलिसी की शुरुआत की थी। यह राज्य देश में क्रेच नीति लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। इस पॉलिसी का उद्देश्य 8 साल तक के बच्चों को मुफ्त, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण चाइल्ड केयर सेवाएं उपलब्ध कराना है।
अब तक क्या हुआ?
- पहले चरण में 15 जिलों में 165 क्रेच सेंटर खोले जा चुके हैं।
- महिला एवं बाल विकास विभाग ने आधुनिक सुविधाओं वाले क्रेच खोलने के लिए मोबाइल क्रेच संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
- 201 क्रेच कार्यकर्ताओं को प्री-सेवा प्रशिक्षण और 26 मध्य-स्तरीय कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
क्रेच वर्कर्स को मिलेगा वेतन
- क्रेच वर्कर्स को 15,000 रुपए प्रति माह वेतन मिलेगा।
- क्रेच असिस्टेंट्स को 7,500 रुपए प्रति माह का वेतन दिया जाएगा।
बच्चों को मिलेंगी ये सुविधाएं:
- मुफ्त चाइल्ड केयर सेवाएं: 8 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए।
- मिड-डे मील: 3 से 6 साल के बच्चों के लिए मिड-डे मील की सुविधा।
- कार्य समय: क्रेच सेंटर 8 से 10 घंटे तक खुला रहेगा।
- उम्र के अनुसार देखभाल: 3 साल तक के बच्चों को क्रेच सुविधा और बड़े बच्चों को शिक्षा व पोषण सेवाएं दी जाएंगी।
पॉलिसी का उद्देश्य:
- चाइल्ड केयर सेवाओं को व्यापक बनाना।
- कामकाजी महिलाओं को राहत प्रदान करना।
- बच्चों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण देखभाल उपलब्ध कराना।
यह पॉलिसी हरियाणा के बच्चों और कामकाजी महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाने का लक्ष्य रखती है।
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