चंडीगढ़: हरियाणा में बीते तीन दिनों से लगातार बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। खासकर गेहूं, सरसों और अन्य रबी फसलें प्रभावित हुई हैं। इस नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बड़ा ऐलान किया है कि प्रदेश के किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए सरकार जल्द ही क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलेगी, जहां किसान मुआवजे के लिए आवेदन कर सकेंगे।
सीएम सैनी बोले – ओले किसानों की फसल पर नहीं, सरकार के खजाने पर पड़ेंगे
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि अगर ओले पड़ेंगे तो वे किसान की फसल पर नहीं, बल्कि प्रदेश सरकार के खजाने पर पड़ेंगे। किसान भाइयों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन कर मुआवजा दिया जाएगा।”
सीएम सैनी ने हर जिले के डिप्टी कमिश्नर (DC) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर नुकसान का आंकलन करने को कहा है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी जिले 2 मार्च तक नुकसान की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजें ताकि किसानों को जल्द आर्थिक सहायता दी जा सके।
27 और 28 फरवरी को किन जिलों में हुई थी बारिश और ओलावृष्टि?
हरियाणा में 27 फरवरी को कई जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई थी, जबकि 28 फरवरी को अधिकतर जिलों में सुबह से ही तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई।
- तेज बारिश वाले जिले: पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर
- ओलावृष्टि से प्रभावित जिले: हिसार, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, भिवानी, जींद, चरखी दादरी, रेवाड़ी, नूंह, पलवल, महेंद्रगढ़
- सबसे अधिक नुकसान: जींद के करीब 20 गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि राज्य में 5 मार्च तक मौसम में बदलाव जारी रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 3 और 4 मार्च को हवाओं में उतार-चढ़ाव रहेगा, जिससे आंशिक मौसम परिवर्तन की संभावना है।
सरकार करेगी किसानों की मदद
किसानों के नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने भरोसा दिलाया है कि किसी भी प्रभावित किसान को परेशान होने की जरूरत नहीं है। सरकार जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए तैयार है और क्षतिपूर्ति पोर्टल के जरिए मुआवजा प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा।