राकेश टिकैत से अभद्रता के बाद भड़की किसान पंचायत, गद्दारी के खिलाफ एक सुर में गरजे किसान नेता
मुजफ्फरनगर |
🔶 “गद्दारी का दाग, जान देकर भी नहीं सहेंगे!” – नरेश टिकैत
राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में आज एक ऐतिहासिक पंचायत का आयोजन हुआ, जहां भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने मंच से गरजते हुए कहा — “हम विरोधी हो सकते हैं, लेकिन देशद्रोही या गद्दार नहीं।” उन्होंने साफ किया कि किसान-मजदूर सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं और किसी भी स्थिति में गद्दारी का कलंक नहीं सह सकते।
🔶 अभद्रता की आग से उठी पंचायत की चिंगारी
पंचायत का आयोजन भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के साथ कथित अभद्र व्यवहार को लेकर किया गया था। यह मामला किसानों की भावनाओं को झकझोर गया और संगठन की आंतरिक एकजुटता को सार्वजनिक रूप से जताने का जरिया बन गया।
टिकैत ने चेतावनी दी कि — “कुछ लोगों ने शेर के मुंह में हाथ डाल दिया है, इस बार छोड़ दिया, लेकिन अगली बार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि मुकदमा करना बुजदिलों का काम है, लेकिन यदि किसान-मजदूरों के सम्मान को चोट पहुंचेगी, तो वह चुप नहीं बैठेंगे।
🔶 “किसान किसी से कमजोर नहीं”
अपने भाषण में टिकैत ने कहा — “हम यहां किसी मांग को लेकर नहीं आए हैं, यह हमारी ताकत दिखाने का मंच है। किसानों के सहयोग से बड़े-बड़े नेता भी बौने साबित हो जाते हैं। हम हमेशा जनहित में खड़े रहे हैं और आगे भी रहेंगे।”
“शहर की जनता से खेद, नुकसान का करेंगे मुआवजा”
नरेश टिकैत ने इस मौके पर संवेदनशीलता दिखाते हुए शहर की जनता से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि किसान अनायास शहर में नहीं आते, लेकिन हालात ने उन्हें मजबूर किया। “यदि किसी को असुविधा हुई हो, तो वह हमें सूचित करें, हम संगठन स्तर पर उसका मुआवजा देंगे।“
🔶 “आतंकवादियों को सात-सात गोली लगनी चाहिए”
अपने संबोधन में टिकैत ने आतंकी घटनाओं और शासन के ढीले रवैये पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा — “आम जनता क्या कर सकती है? सरकार को चाहिए कि आतंकवादियों को ढूंढ-ढूंढ कर एनकाउंटर करे।” साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा में दो फीसदी लोग ही हैं जिनकी मानसिकता संकीर्ण है, बाकियों में सुधार संभव है।
इस पंचायत ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि किसान केवल अपने खेतों के नहीं, बल्कि स्वाभिमान के भी प्रहरी हैं। विरोध की राजनीति हो सकती है, लेकिन राष्ट्र और संगठन के सम्मान पर कोई समझौता नहीं होगा। गद्दारी और अभद्रता के खिलाफ यह पंचायत एक सामाजिक चेतना का स्वर बनकर उभरी है।
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