अधिकरण ने पंचकुला नगर निगम की ओर से उठाए गए कदमों पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि घोर नाकामियों तथा पर्यावरण को हो रहे लगातार नुकसान के लिए किसी को जवाबदेह नहीं ठहराया गया है। इसने कहा कि पुराने कचरे के निस्तारण में व्यावहारिक तौर पर कोई प्रगति नहीं हुई है।
हरित अधिकरण ‘खोल ही-रायताल वन्यजीव अभयारण्य’ के निकट एक स्थान पर पर्यावरण नियमों का उल्लंघन तथा जिले में पर्यावरणीय मंजूरी के बिना कचरा एकत्र करने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि जनवरी 2022 में हमारी ओर से गठित एक संयुक्त समिति से नियमों के उल्लंघन के संबंध में अधिकरण ने रिपोर्ट मांगी थी। समिति ने पिछले वर्ष नवंबर में उल्लंघन की बात स्वीकार की थी साथ ही उसने एहतियाती एवं असर कम करने वाले कदमों के संबंध में सुझाव दिया था।
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पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल शामिल थे। पीठ ने कहा कि रिपोर्ट को स्वीकार करने के बाद,आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे साथ ही अधिकरण ने पंचकुला तथा कालका नगर निगमों को क्रमश नौ करोड़ तथा एक करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर देने के लिए कहा था।
कार्यवाही के दौरान पीठ ने कहा, हमने पेश होने वाले पक्षों के वकीलों की दलीलों को सुना और पाया कि स्थिति रिपोर्ट में जिस प्रगति की बात की गई है उसे किसी भी स्तर से कतई संतोषजन नहीं माना जा सकता।’’
NGT, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हरियाणा के मुख्य सचिव को पंचकुला जिले में कचरा एकत्र करने के दो स्थानों (डंपिंग साइट) में पुराने कचरे के निस्तारण में प्रगति की व्यक्तिगत तौर पर समीक्षा करने के निर्देश दिए। मामले की अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी।