हरियाणा के जींद जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तहसील कार्यालय के डेटा एंट्री ऑपरेटर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी ऑपरेटर ने साइन करने की एवज में 4,000 रुपये की मांग की थी। एसीबी ने उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शिकायत पर हुई कार्रवाई
जींद जिले के जामनी गांव के निवासी भगत सिंह ने एसीबी को शिकायत दी थी कि वह अपनी खेत की जमीन पर लोन ले रहा था। इसके लिए पिल्लूखेड़ा तहसील कार्यालय में डेटा एंट्री ऑपरेटर वेदप्रकाश से रिपोर्ट पर साइन करवाने गया था। लेकिन ऑपरेटर ने साइन करने में आनाकानी की और 4,000 रुपये की रिश्वत की मांग की।
एसीबी टीम ने बिछाया जाल
शिकायत मिलते ही एसीबी के इंस्पेक्टर दिनेश कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। जांच के लिए शिकायतकर्ता भगत सिंह को 500-500 रुपये के नोटों पर पाउडर लगाकर दिए गए और उन्हें राजपत्रित अधिकारी से सत्यापित करवाया गया।
रिश्वत लेते ही दबोचा
भगत सिंह ने आरोपी वेदप्रकाश को फोन किया, जिसके बाद उसने तहसील कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया। जैसे ही भगत सिंह ने रिश्वत की रकम दी, एसीबी की टीम ने वेदप्रकाश को रंगे हाथों पकड़ लिया। बाद में जब आरोपी के हाथ धुलवाए गए तो पाउडर की वजह से हाथों का रंग लाल हो गया, जिससे उसकी रिश्वत लेने की पुष्टि हो गई।
मामला दर्ज, जांच जारी
एसीबी इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि आरोपी डेटा एंट्री ऑपरेटर वेदप्रकाश के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। एसीबी इस मामले में गहराई से छानबीन कर रही है ताकि भ्रष्टाचार के अन्य संभावित मामलों का भी खुलासा किया जा सके।
(यह खबर जींद जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई एक महत्वपूर्ण कार्रवाई को दर्शाती है। इस तरह की घटनाएं भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर करती हैं।)