एक बार फिर हरियाणा में जाट नेता यशपाल मलिक ने दस्तक दे दी है . एक बार फिर जाट आरक्षण की मांग उठाई है . यशपाल मलिक ने साफ़ साफ़ कहा कि वे 2016 के आंदोलन में शामिल नहीं थे। साथ ही कहा कि वे उस आंदोलन के हकदार नहीं हैं, जिसमें तोड़फोड़ व मारपीट हो।
यदि उन्होंने शुरू किया होता तो वे फैसले में शामिल होते और सरकार से भी वार्ता करते। हिंसा का ठीकरा हरियाणा के जाटों फोड़ते हुए कहा कि हरियाणा में जैसे ही सरकार बदली तो सरकार में भागीदारी नहीं होने के कारण जाट नाराज था। साथ ही जो मांगे थी उन्हें भी पूरा नहीं किया गया। हरियाणा के लोग उन्हें चिह्नित करें जो मिलते तो प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से थे और वे ही आंदोलन चलवाते थे।
मलिक यही ही नही रुके लगे हाथों उन्होंने राजकुमार सैनी को भी लपेटे में लेते हुए कहा वो सरकार का कठपुतली था और आज उन्हीं के गले में फांस की हड्डी है।