जींद (नरवाना): संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की प्रदेश स्तरीय बैठक शुक्रवार को नरवाना के चौधरी घासी राम नैन किसान रेस्ट हाउस में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता डॉ. सुखदेव जम्मू, विकास सीसर और जोगेंद्र नैन ने संयुक्त रूप से की। बैठक में सर्वसम्मति से पंजाब सरकार द्वारा किसानों पर किए जा रहे दमन की निंदा की गई और कहा गया कि पंजाब के मुख्यमंत्री किसानों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय आंदोलनकारियों को बदनाम करने में लगे हैं।
किसानों ने रखी ये प्रमुख मांगें
बैठक के दौरान किसान नेताओं ने हरियाणा सरकार के समक्ष निम्नलिखित मांगें रखीं:
✅ गेहूं की फसल पर ₹1000 प्रति क्विंटल बोनस दिया जाए।
✅ नहरों में पानी छोड़ा जाए ताकि किसानों को सिंचाई में दिक्कत न हो।
✅ ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का जल्द मुआवजा दिया जाए।
✅ सरसों की सरकारी खरीद तुरंत शुरू की जाए।
✅ हरियाणा के लंबित किसान मुद्दों के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को किसान नेताओं से बातचीत करनी चाहिए।
MSP समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा
संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा ने बैठक में एमएसपी की कानूनी गारंटी, किसान-मजदूरों की कर्ज़ा मुक्ति, कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति फ्रेमवर्क को रद्द करवाने, स्मार्ट मीटर योजना को खत्म करने सहित कई बड़े मुद्दों पर चर्चा की। किसान नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह धीरे-धीरे सरकारी कृषि मंडियों को खत्म कर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है।
किसानों ने बनाई आंदोलन की रणनीति
🌾 11 मार्च: हरियाणा के सभी जिलों में संयुक्त किसान मोर्चा प्रदर्शन करेगा और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगा।
🌾 20 मार्च: कुरुक्षेत्र में आक्रोश रैली निकालकर नई कृषि बाजार नीति को रद्द करने की मांग की जाएगी।
🌾 अनिश्चितकालीन आंदोलन: यदि सरकार किसानों की मांगें नहीं मानती, तो प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
बैठक में बलबीर सिंह, रतन मान, कंवरजीत सिंह, धर्मपाल बडाला, रणबीर मलिक, तेजिंदर रतिया, आजाद पालवा, रामफल शर्मा, सुखविंदर रतिया, बुध सिंह, रवि आजाद, कुलदीप ढांडा समेत कई किसान नेता मौजूद रहे।
#KisanAndolan #MSP #FarmersProtest #HaryanaNews #Jind #Kurukshetra #AgricultureReforms