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रेवाड़ी: हरियाणा में प्राकृतिक उपचार और पारंपरिक औषधियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। रेवाड़ी जिले के खरखड़ा गांव में चार एकड़ जमीन पर एक हर्बल पार्क विकसित किया जाएगा, जिसमें 200 से अधिक औषधीय पौधे और जड़ी-बूटियां लगाई जाएंगी।
इस प्रोजेक्ट को लेकर बुधवार को आयुष विभाग के महानिदेशक संजीव वर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों के साथ गहन चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर्बल पार्क की विस्तृत रिपोर्ट दस दिन के भीतर उन्हें सौंपी जाए।
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
महानिदेशक संजीव वर्मा ने बताया कि यह पार्क न केवल पर्यटकों को आयुर्वेद और वैदिक उपचार की जानकारी देगा, बल्कि स्थानीय किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज और पौधे भी उपलब्ध कराएगा। इससे हर्बल खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे।
इस मौके पर जिला आयुष अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार और DDPO नरेंद्र सारवान ने भी अपने सुझाव साझा किए और स्थानीय स्तर पर सहयोग का भरोसा दिलाया।
कौन-कौन सी जड़ी-बूटियां होंगी शामिल?
हर्बल पार्क में देशी चिकित्सा पद्धति में उपयोग होने वाली दुर्लभ और प्रभावशाली जड़ी-बूटियों का बड़ा संग्रह तैयार किया जाएगा। इनमें शामिल हैं:
अश्वगंधा, शतावरी, पत्थरचट्टा, एलोवेरा, नीम, बेलपत्र, शिकाकाई, छुईमुई, सर्पगंधा, तुलसी, बेहड़ा, तेजपत्ता, पिलखन, गोंद कतीरा, सफेद चंदन, रुद्राक्ष, काला बांसा, करकरा, फनी, हार श्रृंगार, बड़ी इलायची, सदाबहार और अन्य सैकड़ों औषधीय पौधे।
पर्यटन और शिक्षा को भी मिलेगा बढ़ावा
यह हर्बल पार्क रेवाड़ी में आने वाले पर्यटकों और छात्रों के लिए भी एक खास आकर्षण होगा, जहां वे औषधीय पौधों के उपयोग, खेती की विधियों और उनके लाभों को प्रत्यक्ष रूप से समझ सकेंगे।